12वीं योजनावधि में औसत वृद्धि दर 6 प्रतिशत से कम रहेगी

12वीं योजनावधि में औसत वृद्धि दर 6 प्रतिशत से कम रहेगी

नई दिल्ली : घरेलू और बाह्य समस्याओं से जूझ रही भारतीय अर्थव्यवस्था की सालाना औसत वृद्धि दर 12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) के दौरान 6 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी जबकि लक्ष्य 8 प्रतिशत का रखा गया है।

सूत्रों ने बताया, ‘योजना आयोग के ताजा अनुमान के मुताबिक 12वीं योजना के दौरान 6 प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर हासिल कर पाना मुश्किल है।’ सूत्रों ने बताया कि 12वीं योजना की मध्यावधि समीक्षा का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया में आयोग ने यह ताजातरीन अनुमान पेश किया है।

सूत्रों के मुताबिक 12वीं योजनावधि में वृद्धि में कमी के लिए कम निर्यात और अन्य वैश्विक कारकों के अलावा विनिर्माण गतिविधियां जिम्मेदार हैं। वित्त वर्ष 2013-14 की अप्रैल से फरवरी की अवधि में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 0.1 प्रतिशत का संकुचन हुआ और 2012-13 की इसी अवधि में इसमें 0.9 प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर्ज हुई थी।

विशेषज्ञों के मुताबिक 1 अप्रैल 2012 से शुरू हुई 12वीं योजनावधि में पहले दो साल के दौरान औद्योगिक उत्पादन में नरमी अर्थव्यवस्था में सुस्ती की प्रमुख वजह रही। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के अग्रिम अनुमान के मुताबिक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2013-14 के दौरान 4.9 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। पंचवर्षीय योजना के पहले साल 2012-13 में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रही थी। (एजेंसी)

First Published: Sunday, May 4, 2014, 19:39

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