Last Updated: Tuesday, May 27, 2014, 11:41
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली: अरुण जेटली ने वित्त मंत्री के रूप में कार्यभार संभाल लिया है। जेटली ने कार्यभार संभालने के बाद कहा कि मुद्रास्फीति और ब्याज दरों पर पर संतुलित के लिए की कार्यवाई आवश्यक होगी । उन्होंने कहा कि यह चुनौतीपूर्ण समय है, जब विकास की गति को बहाल करना और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने की जरूरत है ।
नवनिर्वाचित वित्त मंत्री ने कहा कि काफी मुश्किल समय में वह वित्त मंत्री का पदभार संभालने जा रहे हैं, जो काफी चुनौतीपूर्ण होगा। जेटली ने कहा कि वित्त मंत्री के तौर पर वित्तीय घाटे को कम करने पर प्रमुख रूप से जोर होगा। वहीं महंगाई को काबू में लाना भी प्राथमिकता होगी।
जेटली ने कहा ‘अस्थाई तौर पर मैं रक्षा मंत्रालय का भी जिम्मा संभालूंगा लेकिन यह मंत्रिमंडल के विस्तार होने तक मात्र अतिरिक्त प्रभार होगा।’ वित्त मंत्रालय के तौर पर अपनी प्राथमिकताओं का हवाला देते हुए जेटली ने कहा ‘‘मुझे पता है कि मैं बेहद चुनौतीपूर्ण समय में कार्यभार संभाल रहा हूं जबकि भारतीय अर्थव्यवस्था में भरोसा मजबूत करने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा ‘हमारी सरकार को जो जनादेश मिला है उसमें आशा अंतर्निहित है, राजनैतिक बदलाव अपने आपमें वैश्विक समुदाय और घरेलू निवेशक दोनों के लिए मजबूत संदेश होता है। मुझे लगता है कि अगले दो महीने निर्णय लेने की प्रक्रिया को तेज कर हम इसे आगे बढ़ा सकेंगे।’ मंत्री ने कहा कि नयी सरकार की पूरी नीति अगले कुछ दिनों में जाहिर की जाएगी।
उन्होंने कहा ‘नयी सरकार की पूरी नीति के लिए आपको कुछ और दिन इंतजार करना होगा।’ यह पूछने पर कि क्या वह वृद्धि दर की कीमत पर मुद्रास्फीति पर ध्यान देंगे, जेटली ने कहा संतुलन बिठाने का काम करना होगा। भारत ने कुछ साल तक 9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज थी लेकिन 2008 की वैश्विक वित्तीय मंदी के बाद इसमें नरमी आई। आर्थिक वृद्धि दर 2012-13 में दशक भर के न्यूनतम स्तर 4.5 प्रतिशत के न्यूनतम स्तर पर आ गई। 2013-14 में यह बढ़कर 4.9 प्रतिशत हो गई। चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर 5.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
गौर हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरुण जेटली पर भरोसा जताते हुए उनको वित्त, रक्षा मंत्री बनाया है। साथ ही कंपनी मामलों के मंत्रालय की जिम्मेदारी भी अरुण जेटली को सौंपी गई है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
First Published: Tuesday, May 27, 2014, 11:26