नए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने महंगाई घटाने और आर्थिक वृद्धि का किया वादा

नए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने महंगाई घटाने और आर्थिक वृद्धि का किया वादा

नए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने महंगाई घटाने और आर्थिक वृद्धि का किया वादानई दिल्ली : नए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने अर्थव्यवस्था में निवेशकों का विश्वास बहाल करने एवं मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने का आज वादा किया। जेटली के समक्ष अर्थव्यवस्था को मौजूदा कठिन दौर से बाहर निकालने और इसे फिर से उच्च वृद्धि के रास्ते पर लाने की चुनौती है। वित्त एवं कंपनी मामलों के मंत्रालय का कार्यभार ग्रहण करने के बाद जेटली ने कहा कि उन्हें ‘ढेर सारा बकाया बिल’ और दबाव वाली अर्थव्यवस्था विरासत में मिली है।

उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था मुश्किल दौर से गुजर रही है और चुनौतियां बेहद स्पष्ट हैं। हमें वृद्धि की रफ्तार को वापस लीक पर लाना है, मुद्रास्फीति को काबू करना है और निश्चित तौर पर राजकोषीय पुनर्गठन पर ध्यान देना है।

वर्ष 2013-14 में आर्थिक वृद्धि दर घटकर 4.9 प्रतिशत पर आ गई और अप्रैल में मुद्रास्फीति 8.59 प्रतिशत रही। चालू खाते का घाटा कम होकर जीडीपी के 1.7 प्रतिशत पर आ गया है, जबकि राजकोषीय घाटा 2013-14 में जीडीपी के 4.6 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है।

आर्थिक वृद्धि एवं मुद्रास्फीति के बीच संतुलन पर जोर देने जेटली ने रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन के साथ 50 मिनट की बैठक की और वृहद आर्थिक स्थिति व बाहरी क्षेत्र पर चर्चा की।

बैठक के बाद राजन ने कहा, यह जाहिर तौर पर ऐसा काम है जिसमें सरकार और रिजर्व बैंक लगे हुए हैं। रिजर्व बैंक ने हमेशा से ही आर्थिक वृद्धि एवं मुद्रास्फीति के बीच संतुलन बनाए रखा है।

जेटली ने कहा, राजनीतिक बदलाव वैश्विक समुदाय एवं घरेलू निवेशकों को खुद ही एक मजबूत संकेत देता है। अगले दो महीने में कार्यों में तेजी लाकर एवं निर्णय करने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाकर हम मजबूत आधार बनाने की स्थिति में होंगे। उन्होंने कहा कि नयी सरकार की संपूर्ण नीति अगले कुछ दिनों में सामने आ जाएगी।

आज मंत्रिमंडल की पहली बैठक में मोदी सरकार ने कालाधन का पता लगाने के लिए उच्चतम न्यायालय के पूर्व जज एम.बी. शाह की अध्यक्षता में एक विशेष जांच टीम गठित की।

अगले कुछ दिनों के दौरान जेटली 2014.15 के लिए पूर्ण बजट की तैयारी के वास्ते विभिन्न भागीदारों के साथ बैठकें करेंगे। उन्होंने आर्थिक मामलों के विभाग के साथ आर्थिक स्थिति का जायजा लिया।

वित्त राज्यमंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा, यह बजट की भी तैयारी है। बैठक के बाद वित्त सचिव अरविंद मायाराम ने कहा कि राजकोषीय स्थिति मजबूत करने, राजकोषीय घाटे, सोने के आयात पर अंकुश व डीजल मूल्य को नियंत्रण मुक्त करने के मुद्दों पर चर्चा की गई। यह पूछे जाने पर कि आर्थिक स्थिति कितनी खराब है, जेटली ने कहा, काफी बिल बकाया हैं।

First Published: Tuesday, May 27, 2014, 23:16

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