Last Updated: Sunday, January 5, 2014, 18:39
मुंबई : गैर निष्पादक आस्तियों (एनपीए) का स्तर बढ़ने पिछले दो साल से बढ़ने के बीच देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने कहा कि उसे 2014 के अंत तक इस परेशानी से निकलने की कोई उम्मीद नहीं है और वृद्धि दर में बढ़ोतरी बैंकिंग प्रणाली में सुधार के लिए आवश्यक होगी।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अध्यक्ष अरुंधती भट्टाचार्य ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘जब मैंने पदग्रहण किया था तब भी कहा था अगली तीन तिमाहियों से पहले कुछ (परिसंपत्ति की गुणवत्ता में सुधार) नहीं दिख रहा है और मैं इस पर कायम हूं। मुझे नहीं लगता कि बहुत जल्द कोई सुधार होगा।’ एनपीए से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि आगामी आम चुनाव के बाद कुछ सुधार देखे जा सकते हैं लेकिन कोई ठोस संकेत 2014 के अंत तक ही दिखेगा।
उन्होंने कहा, ‘आप देखेंगे कि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में बढ़ोतरी से एनपीए कम होगा। तब तक यह परेशानी बरकरार रहेगी।’ अधर में लटकी हुई परियोजनाओं का पुनरुद्धार अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए आवश्यक है। भट्टाचार्य ने उम्मीद जताई कि निवेश संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीआई) द्वारा दी गई मंजूरियों से मार्च तक कुछ ऋण की मांग होगी क्योंकि इस तिमाही के दौरान कंपनियों को राज्य स्तरीय मंजूरी मिल जाएगी। (एजेंसी)
First Published: Sunday, January 5, 2014, 18:39