Last Updated: Monday, February 10, 2014, 13:03
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली : लोकसभा चुनाव होने में चंद महीने बचे हैं। देश की सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्षी पार्टी पूरी तरह से चुनाव की तैयारी में जुट गई है। उधर कई सरकारी और गैर सरकारी संगठन अपनी-अपनी मांग को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है। सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग का गठन भी कर दिया है। दूसरी ओर वेतन बढ़ोतरी की मांग को लेकर बैंक यूनियनों ने आज (सोमवार) से दो दिन की हड़ताल पर है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की देश भर की शाखाओं में आज शुरु हुई दो दिन की कर्मचारी हड़ताल के कारण चेक निपटान, नकदी निकासी और जमा का काम प्रभावित हुआ।
हालांकि आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और ऐक्सिस बैंक जैसे निजी क्षेत्र के बैंक सामान्य तौर पर काम कर रहे हैं क्योंकि उनके कर्मचारी हड़ताल में शामिल नहीं हैं। देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक स्टेट बैंक आफ इंडिया ने समेत सभी सरकारी बैंकों ने अपने ग्राहकों हड़ताल के कारण संभावित असुविधा की सूचना पहले ही दे रखी है।
यूनियनों के मंच यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) के संचालक एम वी मुरली ने कहा कि कर्मचारी यह रास्ता अपनाने के लिए मजबूर हैं क्योंकि भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने बेहतर वेतन पेशकश नहीं की। आईबीए बैंक प्रबंधन का प्रतिनिधित्व करता है। बैंक कर्मचारियों के राष्ट्रीय संगठन (एनओबीडब्ल्यू) के महासचिव अश्विनी राणा ने कहा कि बैंकों प्रबंधन ने जो पेशकश की वह महंगाई को देखते हुये अनुरूप नहीं है।
यूनियनों और सरकारी बैंकों के संगठन आईबीए के साथ केन्द्रीय श्रमायुक्त के समक्ष 6 फरवरी को समझौता-वार्ता हुई थी, पर कोई समझौता नहीं हो सका। यूएफबीयू ने आईबीए की 10 प्रतिशत वेतन वृद्धि के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। इससे पहले सरकारी बैंकों कर्मचारियों ने 18 दिसंबर को एक दिन की राष्ट्रीय हड़ताल की थी। बैंक कर्मचारियों की वेतन समीक्षा नवंबर, 2012 से लंबित है। यूएफबीयू नौ बैंक कर्मचारी तथा अधिकारियों के यूनियनों का साझा मंच है। देश में सार्वजनिक क्षेत्र के 27 बैंक हैं जिनमें करीब 8 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं।
बैंक हड़ताल से रूकी मुंबई की रफ्तार देश की व्यावसायिक राजधानी मुंबई में सोमवार से दो दिनी बैंक हड़ताल शुरू हो गई, जिससे व्यावसायिक और वाणिज्यिक सेवाएं ठप पड़ गई हैं। शहर में सरकारी, निजी, कई विदेशी, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की शाखाओं में ताले लटके हुए हैं। हड़ताल का आह्वान करने वाले युनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन्स (यूबीएफयू) के मुताबिक, हड़ताल सोमवार सुबह छह बजे शुरू हुई जो बुधवार शाम छह बजे तक चलेगी।
ऑल इंडिया बैंक इम्प्लोइज एसोसिएशन (एआईबीईए) के उपाध्यक्ष विश्वास उतागी ने बताया, हड़ताल व्यापक है। सहकारी बैंकों को छोड़ कर इन बैंकों के लाखों कर्मचारी सहित लगभग 90,000 बैंकों की शाखाएं विभिन्न मांगों को लेकर दो दिनों तक बंद रहेंगी। पूरे देश में सरकारी क्षेत्र के 27 बैंक, 18 निजी बैंक, आठ विदेशी बैक और 48 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक ने यूबीएफयू द्वारा बुलाई गई बंद में हिस्सा लिया है।
उतागी ने कहा कि वेतन वृद्धि के लंबित मामले सहित यूबीएयू निजी क्षेत्रों के बैंक, विलय, कार्पोरेट घरानों को नए लाइसेंस जारी करने, नॉन परफार्मिंग एसेट में वृद्धि जैसे बैंकिंग सुधार का भी विरोध कर रहा है। यूबीएफयू में एआईबीईए, नेशनल कन्फेडरेशन आफ बैंक इम्प्लोइज, बैंक इम्प्लोइज फेडरेशन आफ इंडिया, इंडियन नेशनल बैंक इम्प्लोइज फेडरेशन, इंडियन नेशनल बैंक आफिसर्स कांग्रेस, नेशनल आर्गेनाइजेशन आफ इंडिया वर्कर्स, आल इंडिया बैंक आफिसर्स एसोसिएशन और नेशनल आर्गेनाइजेशन आफ बैंक आफिसर्स शामिल हैं। उतागी ने कहा कि यूबीएफयू इन्हीं मांगों के साथ 18 दिसंबर को भी हड़ताल पर चला गया था।
उप्र में हड़ताल से बैंकिंग सेवाएं ठप वेतन वृद्घि सहित विभिन्न मांगों को लेकर देश के अन्य हिस्सों की तरह की उत्तर प्रदेश में भी सरकारी और निजी बैंककर्मी दो दिनी हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताल की वजह से में बैंकिंग सेवाएं ठप पड़ गई हैं। यूनाइटेड फोरम अफ बैंक यूनियन के बैनर तले प्रदेश में सरकारी और निजी बैंकों के लगभग 90,000 कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल पर हैं। बैंकिंग क्षेत्र में प्रस्तावित सुधार के विरोध और वेतन वृद्घि की मांग के समर्थन में बैंककर्मी दो दिन हड़ताल पर रहेंगे।
यूनियन के संयोजक (उत्तर प्रदेश) वाई़ क़े अरोड़ा ने संवाददाताओं को बताया, हमारी मांग है कि केंद्र सरकार बैंककर्मियों का 10वां वेतन समझौता लागू करे और प्रस्तावित सुधार को खारिज करे। हड़ताल से उत्तर प्रदेश में करीब 6,000 सरकारी बैंकों में कामकाज ठप है। सुबह से बैंक शाखाओं में ताले लटके हैं। राजधानी लखनऊ की बात करें तो यहां 350 शाखाओं के करीब 6,000 कर्मचारी हड़ताल में शामिल हैं। यूनियन के एक सदस्य ने कहा कि सोमवार शाम से ज्यादातर सरकारी और निजी बैंकों के एटीएम में नगदी की समस्या आ सकती है। अनुमान है कि हड़ताल से उत्तर प्रदेश में करीब 3,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बैंकिंग कारोबार प्रभावित होगा।
(एजेंसी इनपुट से साथ)
First Published: Monday, February 10, 2014, 08:52