Last Updated: Tuesday, May 20, 2014, 18:29
चेन्नई : सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण का सुझाव देने वाली पी.जे. नायक समिति की रिपोर्ट से नाराज पांच बैंक कर्मचारी यूनियनों ने 23 मई को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का फैसला किया है। सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सी.एच. वेंकटचलम ने कहा, हम भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा गठित पी.जे. नायक समिति की रिपोर्ट का विरोध करते हैं, इस रिपोर्ट में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण और इन बैंकों में सरकारी हिस्सेदारी को 50 प्रतिशत से कम करने की सिफारिश की गई है।
वेंकटचलम ने इस रिपोर्ट को खारिज करने की मांग करते हुये कहा, हम इसके विरोध में 23 मई को देशव्यापी प्रदर्शन करेंगे। इस रिपोर्ट में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय, उनके मालिकाना हक को एक निवेश कंपनी में हस्तांतरित करने और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के दायरे से बाहर रखने की भी सिफारिश की गई है। रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि सरकार को बैंकों को नियामकीय निदेशक देने चाहिये और वह कंपनी अधिनियम के दायरे में आने चाहिये।
वेंकटचलम ने एक वक्तव्य में कहा है, संक्षेप में यदि कहा जाये तो समिति बैंकों पर से सरकारी नियंत्रण हटाना चाहती है और बैंकों का प्रबंधन निजी हाथों में देना चाहती है। रिपोर्ट को पूरी तरह खारिज करने और नायक समिति की सिफारिशों के विरोध में मजबूती से अपनी बात रखने के लिये 23 मई को देशभर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया जायेगा। उन्होंने कहा एआईबीईए के अलावा विरोध प्रदर्शन में अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ, भारतीय बैंक कर्मचारी महासंघ, भारतीय राष्ट्रीय बैंक कर्मचारी महासंघ और भारतीय राष्ट्रीय बैंक अधिकारी कांग्रेस भी भाग लेंगे।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, May 20, 2014, 18:29