स्पेक्ट्रम का आरक्षित मूल्य कम रखने का फायदा मिला: सिब्बल

स्पेक्ट्रम का आरक्षित मूल्य कम रखने का फायदा मिला: सिब्बल

नई दिल्ली : सरकार ने कहा है कि स्पेक्ट्रम नीलामी में आरक्षित मूल्य को तर्कसंगत बनाने का फायदा हुआ है। इससे सरकार को नीलामी के पहले दिन 40,000 करोड़ रुपए की बोली हासिल करने में मदद मिली। यह बात दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने आज कही। सिब्बल ने सरकारी विभागों के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग सेवा पेश करने के मौके पर कहा ‘‘हमने आरक्षित मूल्य को तर्कसंगत बनाने का साहसिक कदम उठाया और पहले ही दिन 40,000 करोड़ रपए की बोली मिली।’’ सरकार ने अखिल भारतीय स्तर पर 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड के स्पेक्ट्रम के लिए 1,765 करोड़ रपए का शुरआती मूल्य रखा है। यह मार्च 2013 में स्पेक्ट्रम बिक्री के न्यूनतम मूल्य से करीब 26 प्रतिशत कम है। इस नीलामी के दौरान जीएसएम स्पेक्ट्रम के लिये कोई खरीदार नहीं मिला था।

सरकार ने मौजूदा नीलामी के लिये 900 मेगाहर्ट्ज बैंड का आरक्षित मूल्य मार्च के नीलामी मूल्य से करीब 53 प्रतिशत कम रखा है। सिब्बल ने बताया कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकार ने 2012 की नीलामी में अखिल-भारतीय स्तर पर पांच मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए 18,000 करोड़ रपए के न्यूनतम मूल्य की सिफारिश की थी। स्पेक्ट्रम की ताजा नीलामी उच्चतम न्यायालय के फरवरी 2012 के फैसले के अनुपालन में की जा रही है। उच्चतम न्यायालय ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में भी 3जी की तरह नीलामी प्रक्रिया अपनाने को कहा।

सरकार ने हालांकि, इससे पहले न्यूनतम मूल्य को और घटाकर 14,000 करोड़ रपए कर दिया लेकिन इसके बावजूद नवंबर 2012 की नीलामी पेशकश दो दिन में खत्म हो गई, जिसमें 28,000 करोड़ रपए के स्पेक्ट्रम के लिए 9,407 करोड़ रपए की ही बोली मिली।

सिब्बल ने कहा ‘‘यदि आप आरक्षित मूल्य अतार्किक रखेंगे तो बाजार आकषिर्त नहीं होगा। यह बात मैं कहता रहा हूं। अब लोगों को समझना चाहिए कि उस वक्त मीडिया और अन्य लोगों का यह कहना कितना अतार्किक था कि सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है।’’ भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक की नवंबर 2010 में संसद में पेश रपट में वर्ष 2008 में 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में सरकारी खजाने को 1.76 लाख करोड़ रपए का नुकसान होने की बात कही गई है। स्पेक्ट्रम आवंटन पर विवाद के मद्देनजर 2012 में उच्चतम न्यायालय ने 122 लाइसेंस रद्द कर लिए।

ताजा नीलामी में आठ कंपनियां भाग ले रही हैं जिनमें भारती एयरटेल, वोडाफोन और नयी कंपनी रिलायंस जियो इन्फोकॉम शामिल हैं। दूरसंचार सचिव एम एफ फारूकी के मुताबिक सरकार को कल पहले दिन के अंत तक करीब 39,300 करोड़ रपए की बोली प्राप्त हुई। नीलामी के बारे में पूछने पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकार के अध्यक्ष राहुल खुल्लर ने बिना ब्यौरा दिए कहा ‘‘मुझे लगता है कि शायद हमें ठीक मिला हैं। बस यही मैं कहूंगा।’’ (एजेंसी)

First Published: Tuesday, February 4, 2014, 20:03

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