जेट-एतिहाद सौदे को सीसीआई से मिली मंजूरी, सौदा पूरा होने के करीब

जेट-एतिहाद सौदे को सीसीआई से मिली मंजूरी, सौदा पूरा होने के करीब

जेट-एतिहाद सौदे को सीसीआई से मिली मंजूरी, सौदा पूरा होने के करीबनई दिल्ली : लंबे समय से लटके जेट एयरवेज व अबू धाबी की एतिहाद के बीच सौदा संपन्न होने के और करीब पहुंच गया है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने मंगलवार को नरेश गोयल की अगुवाई वाली भारतीय विमानन कंपनी में एतिहाद द्वारा 24 फीसद हिस्सेदारी के प्रस्तावित अधिग्रहण सौदे को मंजूरी दे दी।

जेट-एतिहाद सौदे की घोषणा इस साल अप्रैल में की गई थी। यह किसी विदेशी एयरलाइंस का भारतीय विमानन कंपनी में पहला प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) है। जेट में एतिहाद 24 फीसद हिस्सेदारी का अधिग्रहण 2,058 करोड़ रुपये में करेगी।

हालांकि, यह सौदा कई नियामकीय मंजूरियों के अभाव में महीनों से अटका हुआ है। विलय एवं अधिग्रहण के किसी भी बड़े सौदे में सीसीआई की मंजूरी जरूरी होती है। एक प्रकार से किसी सौदे के लिए यह अंतिम नियामकीय मंजूरी है।

जेट-एतिहाद सौदे को इससे पहले पूंजी बाजार नियामक सेबी, विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) तथा मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की मंजूरी मिल चुकी है। सेबी द्वारा इस सौदे के पुराने ढांचे पर आपत्ति जताए जाने के बाद इसमें संशोधन किया गया था। इसमें एतिहाद को भारत में सार्वजनिक तौर पर सूचीबद्ध जेट एयरवेज के प्रबंधन में कुछ ज्यादा नियंत्रण मिलता लगा रहा था।

सीसीआई ने अपने आदेश में कहा गया है, ‘‘रिकार्ड पर उपलब्ध तथ्यों तथा नोटिस में उपलब्ध कराए गए ब्योरे के आधार पर आयोग का विचार है कि इस प्रस्तावित गठजोड़ से भारत में प्रतिस्पर्धा पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। ऐसे में आयोग इस सौदे को मंजूरी देता है।’’

बहुमत के साथ यह आदेश सीसीआई के चेयरमैन अशोक चावला व चार सदस्यों ने पारित किया। सीसीआई ने कहा है कि यदि जेट और एतिहाद द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना किसी भी समय गलत पाई जाती है, तो इस मंजूरी आदेश को वापस ले लिया जाएगा। हालांकि, सीसीआई के एक सदस्य ने बहुमत के विचार से विरोध जताते हुए सौदे पर आपत्ति जताई। इस सदस्य का कहना था कि इस सौदे से विमान यात्रा बाजार पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।

विरोध करने वाले सदस्य अनुराग गोयल ने कहा कि शुरआती छानबीन से यह विचार बनता है कि प्रस्तावित गठजोड़ से देश में प्रतिस्पर्धा पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।

आयोग ने कहा कि संबंधित पक्षों द्वारा अपने नोटिस में प्रतिस्पर्धा आकलन उपलब्ध कराई गई सूचना पर आधारित है जिसमें समय-समय पर संशोधन किया गया।

नियामक ने यह भी कहा कि इस मंजूरी का धारा 43ए के तहत प्रक्रिया पर कोई असर नहीं होगा। इस धारा के तहत सीसीआई के पास विलय एवं अधिग्रहण सौदे के बारे में सूचना नहीं देने पर जुर्माना लगाने का अधिकार है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, November 12, 2013, 22:39

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