Last Updated: Wednesday, March 26, 2014, 20:28
नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कालाधन के सभी मामलों की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित करने के अपने आदेश को वापस लेने की केंद्र की याचिका बुधवार को खारिज कर दी।
न्यायालय ने कहा कि उसे इस मामले में इसलिए दखल देनी पड़ी क्योंकि सरकार पिछले छह दशक से विदेशी बैंकों में जमा कालाधन वापस देश में लाने में विफल रही है। न्यायमूर्ति एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने केंद्र की याचिका खारिज करते हुए कहा कि आइये उस काम के लिए एसआईटी लगा कर देखते हैं जिसका सपना यह देश देख रहा है। पीठ ने उच्चतम न्यायालय के दो सेवानिवृत्त जजों की अध्यक्षता में एसआईटी के गठन को स्वीकारने में आनाकानी करने के लिए केंद्र को फटकार भी लगाई।
न्यायालय ने कहा कि 4 जुलाई, 2011 को दो जजों की पीठ ने यह महसूस करते हुए एसआईटी के गठन का आदेश दिया कि विदेशी बैंकों में जमा कालाधन वापस देश में लाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया। इस धन का हिसाब कर इसे भारतीय अर्थव्यवस्था की मुख्य धारा में लगाया जा सकता है। पीठ ने कहा कि इस न्यायालय का यह मानना है कि विदेशी बैंकों में जिन लोगों का धन जमा है, उनके नाम का खुलासा करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, March 26, 2014, 20:28