कर चोरी के खिलाफ सरकारी एजेंसियां मिलकर करें काम : चिदंबरम

कर चोरी के खिलाफ सरकारी एजेंसियां मिलकर करें काम : चिदंबरम

कर चोरी के खिलाफ सरकारी एजेंसियां मिलकर करें काम : चिदंबरमनई दिल्ली : वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कर चोरी रोकने के लिए विभिन्न सरकारी एजेंसियों को आपस में सूचनाओं के आदान प्रदान की व्यवस्था को और मजबूत बनाने को कहा है।

वित्त मंत्री ने आज यहां कहा, ‘मेरा मानना है कि अन्य संगठनों को डीआरआई (राजस्व खुफिया विभाग) के साथ सूचना के आदान-प्रदान के लिए खुद आगे आना चाहिए। इसी तरह डीआरआई को भी कर उगाहने या कोई एक या दूसरा कानून लागू करने के संबंध में दूसरे संगठनों के साथ सूचनाओं का आदान प्रदान करने को तैयार रहना चाहिए।’

वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त मंत्रालय के वित्तीय आसूचना एकांश (एफआईयू), पैन डाटा बेस और पूंजी बाजार के डिपॉजिटरी सेवा इकाइयों के पास सूचनाओं का अंबार है। सेवा कर, उत्पाद शुल्क तथा निर्यातकों-आयातकों के संबंध में हमें ऐसी सूचनाओं की जरूरत होती है। ‘यदि सूचना की जरूरत के समय सूचना को नहीं दिया जाए, तो मेरी राय में सारा प्रयास व्यर्थ हो सकता है।’

उन्होंने यहां डीआरआई के स्थापना दिवस पर कहा कि संगठनों को मिल-जुल कर काम करना और आपस में बातचीत करना जरूर आना चाहिए। चिदंबरम ने कहा कि डीआरआई जैसी एजेंसियों के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल बहुत जरूरी है और कोई भी संगठन प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर बहुत थोड़े समय में अपने आप को नयी आवश्यकता के अनुसार ढाल सकता है।

चिदंबरम ने कहा कि डीआरआई को उपयुक्त व्यक्तियों के चयन, प्रशिक्षण और नियुक्ति पर ध्यान देना चाहिए, ताकि प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक इस्तेमाल किया जा सके। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के इस एकांश में इस समय 532 अधिकारी और कर्मचारी हैं। कैडर समीक्षा के बाद डीआरआई की कर्मचारी संख्या दोगुना कर दी जाएगी। गौरतलब है कि मंत्रिमंडल ने इस तरह के कैडर समीक्षा के प्रस्ताव को मंजूर किया है । इससे कुछ समय में 18,067 पदों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है।

उन्होंने कहा कि इस समय विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) और अन्य संगठनों में वैश्विक व्यापार में माल की आवाजाही को सुगम बनाने की बात जोरों पर चल रही है। इसका एक पहलू तस्करी, जाली मुद्रा, नशीले पदाथरे की तस्करी पर रोक भी है।

चिदंबरम ने कहा कि किसी भी चीज को गैर कानूनी या अवैध तरीके से लाना व्यापार विरोधी कार्य है। ऐसा कोई कदम या उपाय, जो गैर.कानूनी व्यापार पर अंकुश लगाता है, अवैध गतिविधियों को रोकता है, वास्तव में वह व्यापार को सुगम बनाने का काम है और वास्तव में यह व्यापार प्रक्रिया का सरलीकरण है।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘हम व्यापार को फलते-फूलते देखना चाहते हैं। हम चाहतें हैं कि व्यापार तेजी से फैले और हमें दूसरे देशों के साथ व्यापार संबंध जरूर बनाने चाहिए। क्योंकि विश्व अर्थव्यवस्था को आगे बढाने का यही एक तरीका है। इसीलिए भारत ने डब्ल्यूटीओ की बाली बठक में व्यापार प्रक्रिया सरलीकरण के विषय में रखे गये मसौदे का समर्थन किया है। हम व्यापार सरलीकरण का सशक्त रूप से समर्थन करते हैं।’ (एजेंसी)

First Published: Thursday, December 12, 2013, 16:23

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