Last Updated: Friday, November 15, 2013, 13:27
मुंबई : चालू वित्त वर्ष में पांच से 5.5 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद जाहिर करते हुए वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने आज कहा कि आर्थिक हालात में सुधार के संकेत दिख रहे हैं और सरकार द्वारा की गई पहल से अर्थव्यवस्था को आठ प्रतिशत की वृद्धि दर प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
भारतीय बैंकों के संघ के प्रमुख समारोह ‘बैंकॉन 2013’ में बैंकों और अर्थशास्त्रियों को संबोधित करते हुए चिंदबरम ने बैंकों से कहा कि वे जानबूझकर चूक करने वालों से सख्ती से निपटें लेकिन जो अर्थिक नरमी के असर से जूझ रहे हैं उनकी मदद करें।
चिदंबरम ने बैंकों से कहा कि वे फैसला लेने से परहेज न करें और वायदा किया कि सही तरीके से सही मंच के जरिए लिये गए उनके निर्णयों के लिए सरकार उनका पूरा बचाव करेगी भले ही बाद में वह निर्णय गलत हो गया हो। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति विशेष तौर पर खाद्य मुद्रास्फीति सरकार के लिए चुनौती बनी हुई है।
अर्थव्यवस्था की स्थिति के संदर्भ में चिदंबरम ने कहा, ‘अब हालात सुधारने के संकेत दिख रहे हैं। इसमें तेजी आएगी और अर्थवयवस्था गति पकड़ेगी। इस साल की दूसरी छमाही में सुधार होगा और यह बिल्कुल संभव है कि रिजर्व बैंक और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद या सरकार द्वारा अनुमानित 5 से 5.5 प्रतिशत के बीच की वृद्धि को प्राप्त कर लिया जाए।’
आर्थिक वृद्धि की दर 2012-13 में गिर कर 5 प्रतिशत रह गयी। यह एक दशक के न्यूनतम दर है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान वृद्धि 4.4 प्रतिशत थी। दूसरी तिमाही की वृद्धि का आंकड़ा 29 नवंबर को आना है।
चिदंबरम ने बैंकों से कहा कि वे इस मुश्किल स्थिति में उद्योगों की मदद करें। उन्होंने कहा, ‘हमें जानबूझकर चूक करने वालों के साथ सख्ती बरतनी चाहिए लेकिन हमें उनकी मदद करनी चाहिए जो वाह्य परिस्थितियों के शिकार हैं।’
उन्होंने कहा, ‘यह बैंकों और ग्राहकों के एक दूसरे पर भरोसा रखकर साथ मिलकर काम करने का दौर है क्योंकि जब हम इस मुश्किल दौर से निकल आएंगे और जब सुधार शुरू हो जाएगा और जब तिमाही दर तिमाही वृद्धि नजर आने लगेगी तब ज्यादातर बैंक अच्छी स्थिति में होंगे, उनकी बैलेंसशीट की स्थिति अच्छी हो जाएगी।’ (एजेंसी)
First Published: Friday, November 15, 2013, 12:57