चिदंबरम ने IMF के वृद्धि अनुमान पर उठाया सवाल

चिदंबरम ने IMF के वृद्धि अनुमान पर उठाया सवाल

चिदंबरम ने IMF के वृद्धि अनुमान पर उठाया सवालवाशिंगटन : वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 3.8 प्रतिशत रहने के अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के अनुमान को खारिज करते हुए लीक से हटकर अपनाई गई मौद्रिक नीति से बाहर निकलने के बाजार पर पड़ने वाले प्रभाव को मापने की उसकी आकलन पद्धति और निगरानी प्रणाली पर तीखा हमला बोला है।

आईएमएफ और विश्व बैंक की सालाना बैठक में भाग लेने यहां पहुचे चिदंबरम ने आईएमएफ की निगरानी प्रणाली को भविष्य पर नजर रखने वाला और देशों के समक्ष आने वाली परिस्थितियों से निपटने में मदद करने वाला होना चाहिये।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘हम आईएमएफ के निराशाजनक परिदृश्य से सहमति नहीं रखते हैं। हमारा यह भी मानना है कि वृद्धि अनुमान के तौर तरीके की नए सिरे से समीक्षा किए जाने की जरूरत है। पूर्व में भी आईएमएफ के अनुमान अंतिम वृद्धि आंकड़ों से अलग रहे हैं।’’

आईएमएफ ने चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 3.8 प्रतिशत कर दिया है। जुलाई में विश्व आर्थिक परिदृश्य में आईएमएफ ने वृद्धि दर 5.6 फीसद रहने का अनुमान लगाया था। हालांकि वित्त मंत्री लगातार जोर देकर कह रहे हैं कि 2013-14 में भारत की वृद्धि दर 5 से 5.5 प्रतिशत के दायरे में रहेगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि हाल के वित्तीय बाजार घटनाक्रम ने सभी को हैरान किया है। चिदंबरम ने कहा कि महत्वपूर्ण सवाल यह है कि कोष का मौजूदा निगरानी तंत्र गैर-परंपरागत मौद्रिक नीति से वापस कदम खींचने का बाजार पर असर का अंदाजा लगाने में क्यों विफल रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि आईएमएफ द्वारा कुछ निश्चित जोखिम की पहचान करने तथा स्पष्ट चेतावनी देने की विफलता से एक बार फिर से उसकी कमजोर निगरानी प्रणाली का पता चलता है।

चिदंबरम ने कहा कि हालांकि मुद्राकोष ने अपनी निगरानी गतिविधियों को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन इस बात की जरूरत है कि वह बेहतर तरीके से उल्लेखनीय वैश्विक वृहद आर्थिक घटनाक्रमों को देख सके।

उन्होंने कहा, ‘‘यह निगरानी आगे की ओर देखने वाली होनी चाहिए और इससे सदस्य देशों को आने वाली चुनौतियों के बारे में पता लगना चाहिए। (एजेंसी)


First Published: Sunday, October 13, 2013, 17:15

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