Last Updated: Sunday, March 30, 2014, 21:11

नई दिल्ली : वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बाजार की मौजूदा तेजी को चुनाव बाद मोदी सरकार की उम्मीद से जोड़ने की बातों को खारिज करते हुए रविवार को कहा है कि यह तेजी स्थिर संप्रग सरकार तथा उसके कामों के कारण है न कि किसी और ‘उम्मीद’ से।
चिदंबरम ने कहा, ‘‘बाजार में तेजी का कारण स्थिर सरकार है..न कि किसी प्रकार की उम्मीद।’’ मोदी की आलोचना करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी ‘साठगांठ वाले पूंजीवाद’ के समर्थक के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने एनडीटीवी को दिये एक साक्षात्कार में दावा किया कि पिछले 18 महीनों में सरकार ने अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिये कई कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने राजकोषीय घाटे पर लगाम लगाया, हमने चालू खाते के घाटे पर उल्लेखनीय रूप से अंकुश लगाया, हमने विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाया, हमने मुद्रास्फीति पर शिकंजा कसा। मेरी केवल यही कामना है कि लगाम मजबूत हाथों में कुछ और समय तक बनी रहे।’’ चिदंबरम ने इस बात से इनकार किया कि भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार (मोदी) को आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने वाले नेता के रूप में देखा जाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘मोदी भी इतना ऊंचा दावा नहीं करेंगे..यह साफ है कि बिग बिजनेस (बड़ी कंपनी) और यहां मैं ‘बी’ (बड़े) पर जोर दे रहा हूं, बिग बिनसेन भाजपा का समर्थन कर रहा है लेकिन यह इसलिए है कि क्योंकि मोदी ‘क्रोनी कैपिटलिज्म’ (साठगांठ वाले बाजारवाद) का साथ देने वाले हैं।’’ उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार विशेषता है- ऊंची आर्थिक वृद्धि।
पी चिदंबरम ने कहा, ‘‘हमने पहले पांच साल में 8.5 प्रतिशत वृद्धि दर दी और उसके बाद अगले चार साल 7.2 प्रतिशत की वृद्धि रही। राजग के शासन में यह 7.2 प्रतिशत तक भी नहीं गयी थी।’’ इस सवाल पर कि क्या वित्त मंत्री के रूप में वह वैसा सोचते हैं कि संप्रग सरकार ने एक ऐसी गलती की जो उसे कभी नहीं करना चाहिए था, तो चिदंबरम ने कहा, ‘‘हम पीछे मुड़कर देखते हैं तो हमने 2009 में जो किया (वित्तीय प्रोत्साहन दिये), वो सही था लेकिन शायद हमें उन्हें 2011 के शुरू में ही वापस ले लेना चाहिए था। मैं जब अगस्त 2012 में पुन: वित्त मंत्री बना तब इन्हें वापस लेने का काम शुरू हुआ। अगर हमने एक साल पहले यह काम कर लिया होता को इसका परिणाम पिछले साल ही दिखाई देने लगता।’’
वोडाफोन कर विवाद पर वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘मैं कह चुका हूं कि यह कोई पिछली तारीख से लगाया गया कर नहीं है, यह संशोधन व्याख्यात्मक है जिसका प्रभाव पीछे की तारीख से पड़ रहा है।’’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 30, 2014, 21:11