Last Updated: Sunday, May 4, 2014, 19:43
नई दिल्ली : बैंकों की बढ़ती गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) पर चिंता जाहिर करते हुए उद्योग संगठन सीआईआई ने इस समस्या से निपटने के लिए पांच-सूत्री कार्रवाई योजना का सुझाव दिया है।
वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक को सौंपी गए उपायों में कारपोरेट ऋण पुनर्गठन (सीडीआर) प्रणाली में बदलाव, बुनियादी ढांचे के लिए विशेष समाधान प्रणाली, राष्ट्रीय परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी की स्थापना, परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनियों के लिए पूंजीकरण बढ़ाने के मामले में मानदंडों को उदार बनाना और दिवालिया कंपनियों से जुड़े नियमों की प्रभावशालिता बढ़ाना शामिल हैं।
सीआईआई ने कहा कि भारत में 2013-14 के मध्य में कुल 10 प्रतिशत ऋण की वसूली नहीं हो पा रही थी जिसका अनुपात 2014-15 तक बढ़कर 15 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है। उद्योग मंडल ने कहा कि आर्थिक नरमी के साथ उच्च ब्याज दर के कारण बैंकिंग क्षेत्र में परिसंपत्ति की गुणवत्ता बेहद प्रभावित हुई। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ साल में वृद्धि दर नौ प्रतिशत से घटकर पांच प्रतिशत पर आ गई। (एजेंसी)
First Published: Sunday, May 4, 2014, 19:43