कोलगेट में कुछ और प्राथमिकी दर्ज कर सकती है सीबीआई

कोलगेट में कुछ और प्राथमिकी दर्ज कर सकती है सीबीआई

कोलगेट में कुछ और प्राथमिकी दर्ज कर सकती है सीबीआईनई दिल्ली : सीबीआई कोयला घोटाले की जांच का दायरा बढ़ाते हुए मुख्य रूप से 2006-09 के बीच कुछ कंपनियों को कोयला खदानों के आवंटन में कथित अनियमितता को लेकर कुछ नए मामले दर्ज कर सकती है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यहां कहा, ‘एजेंसी जल्दी ही दो से तीन प्राथमिकी और दर्ज कर सकती है।’ एजेंसी ने कोयला खदान आवंटन मामले की जांच में अबतक 14 प्राथमिकी तथा तीन प्रारंभिक जांच दर्ज की है। सीबीआई 2006 से 2009 के बीच आवंटन के मामले को देख रही है।

सीबीआई एक प्रारंभिक जांच (पीई) पूरी करने की प्रक्रिया में है जो अनिल अंबानी की अगुवाई वाले एडीएजी समूह की मध्य प्रदेश के सासन में अति वृहत बिजली परियोजना (यूएमपीपी) को आवंटित कोयला खदान से संबंधित है। सीबीआई इस पीजी की जांच को मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएम) के नीतिगत निर्णय का हवाला देते हुए बंद करने की प्रक्रिया में है।

अधिकारी ने कहा कि इस मामले में प्रारंभिक जांच बंद हो सकती है।

प्रारंभिक जांच उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर पंजीकृत की गयी। न्यायालय ने सीबीआई से 14 मामलों की जांच करने को कहा है जिसमें टाटा मोटर्स द्वारा तमिलनाडु सरकार को ‘लो फ्लोर’ बसों की आपूर्ति, स्पेक्ट्रम आवंटन तथा यूनिटेक द्वारा कथित रूप से बाजार तथा शेयरों में गड़बड़ी का मामला शामिल हैं।

सीबीआई सूत्रों ने कहा कि सासन यूएमपीपी से अधिशेष कोयले का उपयोग को दो बार अलग-अलग ईजीओएम ने मंजूरी दी थी। चूंकि यह नीतिगत निर्णय है, सीबीआई संभवत: इस पर सवाल नहीं उठाएगी। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, December 31, 2013, 20:30

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