Last Updated: Tuesday, November 26, 2013, 21:14

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कोयला खदान आबंटन कांड में विभिन्न आरोपियों के खिलाफ की गयी कार्रवाई के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिये मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस जारी किया।
न्यायमूर्ति आर एम लोढा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने धन शोधन निरोधक कानून के तहत आरोपियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की जांच और कार्रवाई के लिये दायर अर्जी पर यह आदेश दिया।
इस मामले में याचिका दायर करने वालों में से एक याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई को 2जी स्पेक्ट्रम प्रकरण की तरह ही एक साथ कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने न्यायालय से अनुरोध किया कि प्रवर्तन निदेशालय की जांच की भी निगरानी की जाये।
भूषण ने कहा, ‘‘विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय ने अभी तक धन शोधन निरोधक कानून के तहत पांच से सात मामले दर्ज किये हैं जबकि सीबीआई 14 से अधिक प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है।’’
उन्होंने कहा कि इस कानून की योजना के अनुसार विवाद में आयीं कोयला खदानें और खदानों के पट्टों को कानून की धारा पांच के तहत जब्त कुर्क किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय से इस मामले में अब तक की जांच की प्रगति रिपोर्ट मांगी जानी चाहिए।
न्यायाधीशों ने उनकी दलीलें सुनने के बाद प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस जारी किया। प्रवर्तन निदेशालय को 15 जनवरी तक जवाब देना है। इस मामले में अब 15 जनवरी को आगे सुनवाई होगी। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 26, 2013, 21:14