Last Updated: Tuesday, January 7, 2014, 16:07
नई दिल्ली : सरकार सोने के आयात पर अंकुश कम से कम मार्च अंत तक जारी रखना चाहती है, भले ही चालू खाते के घाटे (कैड) की स्थिति में सुधर हुआ है। आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम ने कहा, ‘‘हमारा मनाना है कि हमें कैड का स्तर नीचे रखने की जरूरत है। हम इसे हाथ से नहीं निकलने दे सकते, कम से कम इस वित्त वर्ष के अंत तक। इस समय जो व्यवस्था है हमें उसके साथ इस वित्त वर्ष में छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि जिस भी बात पर विचार होगा, उसे पर अगले साल के लिए विचार होना चाहिए। पर पहले यह समझना होगा कि अगले साल में कैड कैसा रहेगा।’’ मायाराम ने कहा कि उनके मंत्रालय को कई तरह के विचार मिलते रहते हैं। एक विचार सोने के आयात को खोलने का है, क्यांेकि मांग में काफी कमी आ चुकी है।
वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी हाल में कहा था कि सोने के आयात पर कुछ अंकुश जारी रहेंगे। हालांकि, रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन इस अंकुशों को समाप्त करने के पक्ष में हैं। नवंबर में सोने का आयात घटकर 19.3 टन रह गया, जो मई में 162 टन के उच्च स्तर पर पहुंच गया था। सरकार और रिजर्व बैंक द्वारा उठाए गए कदमों से सोने के आयात में कमी आई है।
यह पूछे जाने पर कि क्या इन अंकुशों से तस्करी को बढ़ावा मिलेगा, मायाराम ने कहा कि इसके कोई ‘पुष्ट प्रमाण’ नहीं हैं। सोने के आयात पर अंकुश से इसमें 100 से 150 टन की कमी आई है। वहीं तस्करी वाला जो सोना जब्त हुआ है, वह बहुत थोड़ी मात्रा में है।
मायाराम ने कहा, ‘ यदि आप को दोनों विकल्पों को देखना हो तो निगरानी व सतर्कता बढ़ाने की जरूरत है, जिससे तस्करी रोकी जा सके। वहीं साथ साथ हम कैड के में मामले में आंकड़ों को कमजोर नहीं होने दे सकते। रिजर्व बैंक के अनुमानों के अनुसार इस वर्ष कैड 56 अरब डालर के आसपास होगा। पिछले वित्त वर्ष में यह 88.2 अरब डालर के अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गया था। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 7, 2014, 16:07