Last Updated: Thursday, May 1, 2014, 20:49
नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज आदेश दिया कि 2जी स्पेक्ट्रम प्रकरण के मामलों की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी राजेश्वर सिंह को बदला नहीं जाये। न्यायालय ने निर्देश दिया कि इस मामले से संबंधित मुकदमे की सुनवाई पूरी होने तक सिंह अपनी जांच जारी रखेंगे।
न्यायमूर्ति एच.एल. दत्तू की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने यह आदेश उस वक्त दिया जब न्यायालय को सूचित किया कि सिंह को उनके मूल काडर उत्तर प्रदेश भेजा जा रहा है। इस बीच, सीबीआई ने न्यायालय को सूचित किया कि 2जी स्पेक्ट्रम प्रकरण की जांच के दौरान सामने आये एयरसेल-मैक्सिस सौदे में पूर्व संचार मंत्री दयानिधि मारन की कथित संलिप्तता के मामले में आरोप पत्र दाखिल करने के सवाल पर ब्यूरो के अधिकारियों में मतभेद है और इसलिए इस पर कानूनी राय के लिये इसे अटार्नी जनरल गुलाम वाहनवती के पास भेजा गया है।
जांच एजेन्सी ने एयरसेल-मैक्सिस सौदे को लेकर आरोप पत्र दाखिल करने में हो रहे विलंब के बारे में स्पष्टीकरण देते हुये न्यायालय में सीलबंद लिफाफे में प्रगति रिपोर्ट दाखिल की है। न्यायालय ने इस रिपोर्ट के अवलोकन के बाद कहा कि अगली कार्यवाही से पहले वह अटार्नी जनरल की राय का इंतजार करेगा।
न्यायालय ने इस सौदे की जांच से संबंधित फाइल के टिप्पण और रिकार्ड शीर्ष अदालत को सौंपने का आग्रह ठुकरा दिया। जांच ब्यूरो ने इस सौदे में चार जनवरी, 2011 को प्रारंभिक जांच शुरू की थी और नौ महीने बाद नौ अक्तूबर को उसने प्राथमिकी दर्ज की थी। (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 1, 2014, 20:49