Last Updated: Wednesday, June 11, 2014, 10:28
नई दिल्ली : अर्थशास्त्रियों ने मंगलवार को वित्तमंत्री अरूण जेटली को ब्याज दरें घटाने, सब्सिडी को युक्तिसंगत बनाने, सभी तरह के उपकर व अधिभारों को समाप्त करने सुझाव दिया। इसके साथ ही उन्होंने कर कानूनों में पिछली तारीख से संशोधनों को समाप्त करने तथा लाभांश वितरण कर को रद्द करने का सुझाव दिया ताकि निवेश चक्र में फिर से जान फूंकी जा सके। प्रमुख अर्थशास्त्रियों ने वित्तमंत्री के साथ बजट पूर्व बैठक में ये सुझाव रखे।
जेटली ने अर्थशास्त्रियों से सुझाव मांगते हुए अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने तथा राजकोषीय सुदृढीकरण की राह पर चलने की सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त की। पिछले कुछ साल में आर्थिक वृद्धि के 5% से नीचे आने का जिक्र करते हुए जेटली ने कहा, आर्थिक वृद्धि दर से किसी कीमत पर समझौता नहीं किया जा सकता।
बैठक के बाद यूएनईएससीएपी के निदेशक नागेश कुमार ने कहा, हमने विनिर्माण व औद्योगिक क्षेत्रों के पुनरोद्धार, सरकारी व्यय तथा करों को युक्तिसंगत बनाने पर बात की। इंदिरा गांधी इंस्टिट्यूट फॉर डेवलपमेंट रिसर्च में प्रोफेसर आशिमा गोयल ने बैठक में कहा कि सरकार की मौजूदा प्राथमिकता वृद्धि को फिर से आगे बढ़ाने की होनी चाहिए।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, June 11, 2014, 10:28