आर्थिक वृद्धि दूसरी छमाही में 4.5-5.0 प्रतिशत रह सकती है : सीआईआई

आर्थिक वृद्धि दूसरी छमाही में 4.5-5.0 प्रतिशत रह सकती है : सीआईआई

नई दिल्ली : भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही (अक्तूबर-मार्च 2013-14) में 4.5-5.0 प्रतिशत रह सकती है। यह बात उद्योग संगठन सीआईआई ने आज जारी एक सर्वेक्षण रपट में कही। उद्योग मंडल की इस रपट में दूसरी छमाही में पहली छमाही की तुलना में कोई सुधार होता नहीं दिखता है।

सीआईआई ने सरकार से कहा कि वह देश में निवेश का माहौल सुधारने और घरेलू मांग को प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यक कदम उठाये। इस सर्वे में अनुमान लगाया गया है, ‘अर्थव्यवस्था की वृद्धि दूसरी छमाही में 4.5-5.0 प्रतिशत होगी।’ चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में वृद्धि 4.6 प्रतिशत रही। रपट में कहा गया है, ‘अर्थव्यवस्था में संभवत: जितनी नरमी होनी थी वह पिछली तिमाही तक हो चुकी है और हो सकता है कमजोर ही सही हालात में सुधार होने लगा हो।’

सीआईआई ने कहा है कि उंची खाद्य महंगाई, आर्थिक वृद्धि की अनिश्चितता और रिण महंगा होने से उपभोक्ता मांग बाधित हुई है। संगठन ने मुद्रास्फीति में नरमी के रझान को देखते हुए मौद्रिक नीति को बदलाव किए जाने की जरूरत पर बदल दिया है ताकि आर्थिक वृद्धि उत्प्रेरित हो।

रपट में निर्यात में हल्की दर से वृद्धि बढोतरी होने की उम्मीद की गयी है। इस वित्त वर्ष में अप्रैल दिसंबर के पहले नौ माह में 230.3 अरब डालर का निर्यात और 340.3 अरब डालर का आयात हुआ था। इस तरह तीसरी तिमाही के अंत में व्यापार घाटा 110 अरब डालर रहा। 2003-4 में 4 प्रतिशत की निम्न वृद्धि के बाद 2012-13 में आर्थिक वृद्धि एक दशक के निम्नतम स्तर पर थी। (एजेंसी)

First Published: Sunday, February 2, 2014, 18:17

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