Last Updated: Friday, November 22, 2013, 21:11
नई दिल्ली : अधिकार संपन्न मंत्री समूह (ईजीओएम) ने आगामी स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए आरक्षित या शुरुआती मूल्य को 25 प्रतिशत बढ़ाने दूरसंचार आयोग की सिफारिश को शुक्रवार को मंजूरी दे दी।
रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी की अध्यक्षता वाले इस समूह ने बैठक में 1800 मेगाहट्र्ज तथा 900 मेगाहट्र्ज बैंड में स्पैक्ट्रम की नीलामी के लिए दूरसंचार नियामक ट्राई द्वारा सुझाए गए आरक्षित या आधार मूल्य को बढाने के दूरसंचार आयोग के सुझाव पर सहमति जताई।
स्पेक्ट्रम के अगले दौर की नीलामी जनवरी में होनी है।
इस बैंड के स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल भारती एयरटेल व वोडाफोन जैसी जीएसएम कंपनियां करती हैं। मंत्री समूह ने अजा विलय एवं अधिग्रहण के नियमों पर विचार नहीं किया।
दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘ईजीओएम की बैठक हुई और हमने आरक्षित मूल्य पर अंतिम फैसला किया। ईजीओएम ने दूरसंचार आयोग की आरक्षित मूल्य संबंधी सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है।’
सिब्बल ने कहा, ‘हमें 1800 मेगाहट्र्ज बैंड में नीलामी के लिए पेश किए जोन वाले स्पेक्ट्रम की कुल मात्रा को अंतिम रूप देना है। उम्मीद है कि इसका फैसला आने वाले सप्ताह के आखिर तक हो जाएगा।’
ईजीओएम ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकार (ट्राई) से 800 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम के लिए आधार मूल्य सुझाने को भी कहा था जिसका इस्तेमाल सिस्तेमा जैसी सीडीएमए कंपनयिां करती हैं।
ट्राई ने 800 मेगाहट्र्ज बैंड के लिए आरक्षित मूल्य नहीं सुझाया क्योंकि उसका कहना था कि इस एयरवेव की नीलामी की अभी जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि 900 मेगाहट्र्ज बैंड में मौजूदा कंपनियों के लिए को कोई आरक्षण नहीं होगा।
सिब्बल ने कहा, ‘जहां तक 900 मेगाहट्र्ज नीलामी का सवाल है तो मौजूदा कंपनियों के लिए कोई आरक्षण नहीं होगा। जिनके पास भी 900 मेगाहट्र्ज है वे नीलामी में भाग लेंगे।’ सिब्बल ने कहा कि यह नीलामी 21-22 जनवरी को होने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि दूरसचांर आयोग ने इसी महीने सुझाव दिया था कि 1800 मेगाहट्र्ज बैंड स्पेक्ट्रम की नीलामी में अखिल भारतीय स्तर पर प्रति मेगाहट्र्ज 1765 करोड़ रुपये का न्यूनतम आरक्षित मूल्य तय किया जाए। यह ट्राई द्वारा सुझाए गए 1496 करोड़ रुपये के मूल्य से 15 प्रतिशत अधिक है।
ईजीओएम ने कहा कि 900 मेगाहट्र्ज के लिए आरक्षित या आधार मूल्य ट्राई की सिफारिशों से 25 प्रतिशत अधिक होगा। दिल्ली के लिए इस बैंड में स्पेक्ट्रम की न्यूनतम लागत 360 करोड़ रुपये प्रति मेगाहट्र्ज, मुंबई के लिए 328 करोड़ रुपए तथा कोलकाता के लिए 125 करोड़ रुपए रहेगी।
सिब्बल ने कहा, ‘विलय एवं अधिग्रहण मुद्दे पर आज विचार नहीं हुआ। पहले हमें नीलामी के सिद्धांतों को पारित करना है। उम्मीद है कि इस पर जल्द ही, संभवत: अगली बैठक पर चर्चा होगी।’
First Published: Friday, November 22, 2013, 21:11