पहले डिस्काम के खातों की ऑडिट पर होगा फैसला: HC

पहले डिस्काम के खातों की ऑडिट पर होगा फैसला: HC

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि वह पहले दिल्ली की तीन निजी बिजली वितरण कंपनियों (डिस्काम) के खातों की ऑडिट नियंत्रक एवं महालेख परीक्षक (कैग) से कराने संबंधी याचिका पर फैसला करेगा। इसके बाद ही वह अन्य पहलुओं को निपटाएगा।

न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग तथा न्यायाधीश जयंत नाथ की खंडपीठ ने यह व्यवस्था दी। खंडपीठ ने कहा, `हम 24 अगस्त 2011 के आदेश के हिसाब से चलेंगे और पहले इस सीमित मुद्दे (कैग ऑडिट) को निपटाएंगे।` एनजीओ यूनाइटेड आरडब्ल्यूएएस ज्वाइंट एक्शन (यूआरजेए) ने इस बारे में 2011 में जनहित याचिका दायर की थी। इसकी सुनवाई 20 मार्च तय की है।

एनजीओ ने बीएसईएस राजधानी पावर, बीएसईएस यमुना पावर तथा टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के खातों की कैग आडिट करवाने का आग्रह किया है। इसके अलावा इन वितरण कंपनियों की कथित अनियमितताओं की सीबीआई या स्वतंत्र जांच कराने की अपील की है।

याचिका में कहा गया है कि तत्कालीन सरकार इन कंपनियों के दबाव में आ गई जिन्होंने फर्जी घाटे के आधार पर शुल्क दर बढाने की मांग की थी। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने डिस्काम द्वारा एकल पीठ के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं की स्थिति जाननी चाहिए। एकल पीठ ने खातों की कैट आडिट कराने के तत्कालीन आम आदमी पार्टी सरकार के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। एनजीओ के वकील प्रशांत भूषण ने बताया कि उक्त अपील अन्य खंडपीठ के समक्ष हैं। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, February 18, 2014, 20:00

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