राजकोषीय घाटा सालाना अनुमान के 95 प्रतिशत तक पहुंचा

राजकोषीय घाटा सालाना अनुमान के 95 प्रतिशत तक पहुंचा

नई दिल्ली : देश का राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष के शुरुआती नौ महीनों में ही बजट के वार्षिक अनुमान की तुलना में 95 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। अप्रैल से दिसंबर अवधि में राजकोषीय घाटा 5,16,390 करोड़ रुपए तक पहुंच गया जो कि वार्षिक बजट अनुमान का 95 प्रतिशत है। महालेखा नियंत्रक ने यह जानकारी दी।

सरकार ने 2013-14 के बजट में राजकोषीय घाटे-कुल प्राप्तियों और खर्च के बीच का फर्क- को 5,42,499 करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया है। यह राशि सकल घरेलू उत्पाद का 4.8 प्रतिशत है। एक साल पहले इन्हीं नौ महीने की अवधि में राजकोषीय घाटा वर्ष के बजट अनुमान का 78.8 प्रतिशत रही थी।

सरकार ने बार-बार दोहराया है कि चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.8 प्रतिशत रहेगा और 2012-13 में रहे 4.9 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे से कम रहेगा। वित्त मंत्री पी. चिदंबरम कई मौकों पर कह चुके हैं कि राजकोषीय घाटे का बजट लक्ष्य लाल सीमा रेखा है जिसे पार नहीं किया जाएगा।

लेखा नियंत्रक के मुताबिक अप्रैल से दिसंबर के दौरान कुल राजस्व प्राप्ति 6,33,933 करोड़ रुपए यानी बजट अनुमान के 60 प्रतिशत के बराबर रही। सरकार ने मार्च 2014 में समाप्त हो रहे वित्त वर्ष में कुल 10,56,331 करोड़ रुपए राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा है।

अपैल से दिसंबर की अवधि में सरकार का कुल खर्च- नियोजित और गैर नियोजित- 11,63,791 करोड़ रुपए यानी वार्षिक बजट अनुमान 16,65,297 करोड़ रुपए के 69.9 प्रतिशत के बराबर है। दिसंबर अंत तक राजस्व घाटा 3,71,242 करोड़ रुपए रहा जो कि वार्षिक अनुमान का 97.7 प्रतिशत है। सरकार को चालू वित्त वर्ष में राजस्व घाटा 3,79,838 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। (एजेंसी)

First Published: Friday, January 31, 2014, 22:23

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