Last Updated: Sunday, December 1, 2013, 19:02
मुंबई : विश्व में फल-सब्जी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक भारत हर साल 13,300 करोड़ रुपये के ताजा उत्पाद बर्बाद कर देता है क्योंकि देश में पर्यात कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं और रेफ्रिजरेट वाली परिवहन सुविधाओं का अभाव है।
इमर्सन क्लाइमेट टेक्नोलाजीज इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सालाना 44,000 करोड़ रुपये के फल-सब्जी और अनाज बर्बाद हो जाते हैं। यह एजेंसी अमेरिका की विनिर्माण व प्रौद्योगिकी कंपनी इमर्सन की शाखा है।
रिपोर्ट में कहा गया कि खाद्य वस्तुओं को होने वाले नुकसान में सबसे बड़ा योगदान रेफ्रिजरेटर वाली परिवहन सुविधा और उच्च गुणवत्ता वाली कोल्ड स्टोरेज सुविधा का अभाव का है।
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई कि बिना कोल्ड स्टोरेज और रेफ्रिजरेटर वाली परिवहन सुविधाओं में सुधार के बगैर विश्व के दूसरे सबसे बड़े फल-सब्जी उत्पादक भारत में खाद्य समस्या विकराल ही रहेगी और इसमें और इजाफा रहेगा। भारत में फिलहाल 6,300 कोल्ड स्टोरेज हैं जिसकी क्षमता 3.01 करोड़ टन है।
रिपोर्ट में कहा गया कि यह देश के लिए आवश्यक कुल कोल्ड स्टोरेज की क्षमता के आधे के बराबर है। देश में सभी खाद्य उत्पादों के लिए कोल्ड स्टोरेज क्षमता 6.1 करोड़ टन से अधिक होनी चाहिए।
रिपोर्ट के मुताबिक इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 2015-16 तक 55,000 करोड़ रपये से अधिक निवेश की जरूरत है ताकि फल-सब्जी उत्पादन के बढ़ते स्तर को बरकरार रखा जा सके।
इमर्सन्स इंडिया के अध्यक्ष (मध्य पूर्व और अफ्रीकी क्षेत्र) प्रदीप्त सेन ने कहा, रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की गई है कि इस दिशा में प्रगति हो रही है लेकिन कोल्ड स्टोरेज की समस्या उससे अधिक है जितना माना जाता है। इमर्सन ने यह रपट इस मुद्दे को सामने लाने के लिए तैयार की है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, December 1, 2013, 19:02