2013-14 में विकास दर 4.7 प्रतिशत, 25 साल में सबसे खराब जीडीपी आंकड़ा

2013-14 में विकास दर 4.7 प्रतिशत, 25 साल में सबसे खराब जीडीपी आंकड़ा

नई दिल्ली : देश की आर्थिक वृद्धि दर समाप्त वित्त वर्ष 2013-14 में 4.7 प्रतिशत पर कमजोर रही। विनिर्माण और खनन उत्पादन में गिरावट इसकी मुख्य वजह रही। चौथी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.6 प्रतिशत दर्ज की गई। ढाई दशक में जीडीपी का यह सबसे खराब आंकड़ा माना जा रहा है।

केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) द्वारा आज जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2013-14 में आर्थिक वृद्धि दर 4.7 प्रतिशत रही जो कि इससे पहले जारी आर्थिक वृद्धि के अग्रिम आंकड़े 4.9 प्रतिशत से कम रही है। इससे पिछले वर्ष 2012-13 में वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रही थी जो कि पिछले एक दशक की सबसे कम वृद्धि रही। इसी वर्ष चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद में 4.4 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी।

वर्ष 2013-14 की चौथी तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र में 1.4 प्रतिशत की गिरावट रही जबकि एक साल पहले इसी अवधि में इस क्षेत्र में 3 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी। पूरे साल में विनिर्माण क्षेत्र में 0.7 प्रतिशत गिरावट रही जबकि 2012-13 में इसमें 1.1 प्रतिशत वृद्धि हुई थी।

खनन क्षेत्र में जनवरी-मार्च 2014 तिमाही में 0.4 प्रतिशत गिरावट रही। हालांकि, इससे पिछले वर्ष इसी तिमाही में इस क्षेत्र में 4.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। वर्ष 2013-14 में क्षेत्र के उत्पादन में इससे पिछले वर्ष के 2.2 प्रतिशत के मुकाबले 1.4 प्रतिशत की गिरावट रही।

जनवरी-मार्च 2014 तिमाही में कृषि क्षेत्र में 6.3 प्रतिशत वृद्धि रही, हालांकि, इससे पिछले वर्ष इसी तिमाही में क्षेत्र में 1.6 प्रतिशत वृद्धि हुई थी। वित्त वर्ष 2013-14 में कृषि क्षेत्र में 4.7 प्रतिशत वृद्धि रही जबकि इससे पिछले वर्ष इस क्षेत्र में 1.4 प्रतिशत की ही वृद्धि हुई थी।

वर्ष 2004-05 के मूल्य पर प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय 2013-14 में बढ़कर 39,904 रुपये हो गई। इससे पिछले वर्ष यह 38,856 रपये रही थी। 2013-14 में प्रति व्यक्ति आय की वृद्धि इससे पिछले वर्ष के 2.1 प्रतिशत के मुकाबले 2.7 प्रतिशत रही। वर्तमान मूल्य पर प्रति व्यक्ति आय 2013-14 में 9.6 प्रतिशत बढ़कर 74,380 रुपये हो गई। 2012-13 में यह 67,839 रुपये थी।

निवेश का पैमाना माने जाने वाले सकल स्थायी पूंजी निर्माण वर्तमान मूल्य पर 2013-14 में 32.11 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि 2012-13 में यह 30.72 लाख करोड़ रुपये रहा था। स्थिर मूल्य पर यह राशि 2013-14 में 20 लाख करोड़ रुपये और 2012-13 में 20.02 लाख करोड़ रुपये थी।

सीएसओ आंकड़ों के अनुसार निर्माण क्षेत्र में जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान 0.7 प्रतिशत का विस्तार हुआ जबकि एक साल पहले इसमें 2.4 प्रतिशत वृद्धि हुई थी। वित्त वर्ष 2013-14 के दौरान निर्माण क्षेत्र में 1.6 प्रतिशत और इससे पिछले वर्ष 1.1 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई।

व्यापार, होटल, परिवहन और संचार क्षेत्र में चौथी तिमाही वृद्धि एक साल पहले के 4.8 प्रतिशत से घटकर 3.9 प्रतिशत रह गई। पूरे वित्त वर्ष में क्षेत्र की वृद्धि 3 प्रतिशत रही जबकि इससे पिछले साल इसमें 5.1 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी।

वित्त, बीमा और रीएल एस्टेट सहित समूचे सेवा क्षेत्र में चौथी तिमाही (जनवरी से मार्च 2014) की अवधि में 12.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि इससे पिछले वर्ष इसी अवधि में इस क्षेत्र में 11.2 प्रतिशत वृद्धि रही। 2013-14 में सेवा क्षेत्र में 12.9 प्रतिशत वृद्धि रही। इससे पिछले वर्ष इसमें 10.9 प्रतिशत वृद्धि हुई।

सामुदायिक, सामाजिक और व्यैक्तिक सेवाओं के वर्ग में चौथी तिमाही में एक साल पहले के 2.8 प्रतिशत के मुकाबले 3.3 प्रतिशत वृद्धि रही जबकि पूरे साल के दौरान एक साल पहले 5.3 प्रतिशत के मुकाबले 2013-14 में 5.6 प्रतिशत वृद्धि रही।

बिजली, गैस और जलापूर्ति क्षेत्र में चौथी तिमाही में 7.2 प्रतिशत वृद्धि रही जबकि एक साल पहले यह मात्र 0.9 प्रतिशत रही। वर्ष 2013-14 में क्षेत्र की वृद्धि 5.9 प्रतिशत रही हालांकि, 2012-13 में यह 2.3 प्रतिशत रही थी। (एजेंसी)

First Published: Friday, May 30, 2014, 23:10

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