Last Updated: Tuesday, May 20, 2014, 19:35

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज केंद्र व रिलायंस इंडस्ट्रीज से दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार रोधक ब्यूरो (एसीबी) की जांच में सहयोग को कहा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज, इसके प्रमुख मुकेश अंबानी व पिछले पेट्रोलियम मंत्री के बीच गैस मूल्य बढाने के मुद्दे पर प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज कराई गई है। एफआईआर में आरोप है कि इन लोगों ने खनिज गैस के दाम बढ़ाने की साठगांठ की।
न्यायमूर्ति मनमोहन ने दिल्ली सरकार व एसीबी को नोटिस जारी कर 1 अगस्त तक जवाब देने को कहा है। भ्रष्टचार रोधक ब्यूरो एफआईआर के आरोपों की जांच कर रहा है। अदालत ने पेट्रोलियम मंत्रालय व रिलायंस इंडस्ट्रीज से इस जांच में सहयोग करने को कहा है।
उच्च न्यायालय ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की याचिका पर दिल्ली सरकार व एसीबी को नोटिस जारी किए हैं। कंपनी ने याचिका में उसके, मुकेश अंबानी व पूर्व पेट्रोलियम मंत्री एम वीरप्पा मोइली के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। अदालत ने इस मामले में पक्ष बनाए जाने के लिए शिकायतकर्ताओं की ओर से मामले में पक्ष बनाए जाने की एक अर्जी पर केंद्र व रिलायंस इंडस्ट्रीज को भी नोटिस जारी किया है। उच्च न्यायालय इस मामले की अगली सुनवाई 1 अगस्त को करेगा।
उच्च न्यायालय ने कहा कि इस बीच एफआईआर में जिन व्यक्तियों का नाम है उनके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई न करने का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। अदालत ने दिल्ली सरकार की वह फाइल भी मांगी है जिसमें कथित तौर पर रिलायंस इंडस्ट्रीज व केंद्र के खिलाफ मिली शिकायत को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पास अग्रसारित किया गया था और इस मामले में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया था। दिल्ली सरकार ने अदालत में कहा कि इस तरह का कोई आदेश तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नहीं दिया था। साथ ही उसने यह आश्वासन दिया है कि संबंधित फाइल सुनवाई की अगली तारीख पर उसके समक्ष पेश की जाएगी।
इस बीच, न्यायमूर्ति मनमोहन ने दिल्ली सरकार के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई कि दोनों याचिकाएं जो कि आपराधिक याचिकाएं हैं और अदालत में सूचीबद्ध हैं और इस मामले में कुछ साठगांठ चल रही है। अदालत ने कहा, मैं इस कथन पर कड़ी आपत्ति जताता हूं कि याचिकाएं यहां सूचीबद्ध हैं। ये मामले यहां रजिस्ट्री द्वारा सूचीबद्ध किए गए हैं जजों द्वारा नहीं। आप यह समझें कि चुनाव अभियान पूरा हो चुका हैं। मैं इसे बर्दाश्त नहीं करूंगा। जज ने कहा, मैं इसपर कड़ी आपत्ति जताता हूं। यह क्या बकवास है। मैं उपराज्यपाल को शपथ-पत्र के साथ बयान देने को तलब कर सकता हूं।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, May 20, 2014, 19:20