जीजेएफ की ‘बेकार’ पड़े सोने को बाजार में लाने की योजना

जीजेएफ की ‘बेकार’ पड़े सोने को बाजार में लाने की योजना

मुंबई : रत्न एवं आभूषण उद्योग के एक प्रमुख संगठन ने एक ऐसा मॉडल पेश किया है जिससे उसके सदस्यों को अपना कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके साथ एक ऐसे कार्यक्रम का प्रस्ताव किया गया है जिससे घर या अन्य स्थानों पर ‘बिना इस्तेमाल के बेकार’ पड़े सोने को बाजार में लाने में मदद मिलेगी। ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी ट्रेड फेडरेशन (जीजेएफ) ने कहा है कि उसका ‘ट्रस्ट मार्क मॉडल’ यानी भरोसे का प्रतीक मॉडल एक विशिष्ट पहल है जिससे उसके सदस्यों को अपने कारोबार को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

जीजेएफ के चेयरमैन हरीश सोनी ने कहा कि इस भरोसे का प्रतीक मॉडल के जरिये हम काम के तरीके में बदलाव करेंगे जिससे यह अधिक उत्पादक एवं प्रभावी बन सकेगा। जीजेएफ ने इसके साथ ही स्वर्ण निवेश योजना का प्रस्ताव किया है। उसका कहना है कि देश या वैश्विक स्तर पर इस तरह की पहल अभी तक नहीं हुई है।

यह योजना सार्वजनिक निजी भागीदारी का एक उदाहरण है जिसके जरिये सर्राफा कारोबारी बेकार पड़े सोने को बाजार में लाकर अर्थव्यवस्था की सेहत सुधारने में मदद करेंगे। जीजेएफ ने कहा कि इससे चालू खाते के घाटे के मुद्दे से निपटने में मदद मिलेगी। (एजेंसी)

First Published: Thursday, October 3, 2013, 13:38

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