Last Updated: Friday, June 6, 2014, 09:19
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार 30 जून तक प्राकृतिक गैस की बढ़ी हुई कीमतों को स्वीकृति दे देगी और नई कीमतों के निर्धारण के लिए बनी नीति को कैबिनेट की स्वीकृति मिलते ही इसका ऐलान हो जाएगा। यह जानकारी तेल मंत्रालय से जुड़े एक सूत्र ने दी है। अगर ऐसा होता है तो बिजली और खाद के दामों में इजाफा होगा। एलपीजी और केरोसीन के दाम भी बढ़ाए जा सकते हैं।
हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस मसले पर आखिरी फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही करेंगे। उन्हें ही यह तय करना है कि दाम के निर्धारण के लिए बनी रंगराजन कमेटी का फार्मूला ठीक है या नहीं।
रंगराजन कमेटी ने प्राकृतिक गैस की कीमतों में बढ़ोतरी का फॉर्मुला बनाया था। इसके मुताबिक एक अप्रैल से बढ़ी हुई कीमतें लागू होनी थीं। मगर इस तारीख के पहले ही देश में आम चुनाव का ऐलान हो गया और यह फैसला टाल दिया गया। अब ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि एक जुलाई के पहले ही इस पर फैसला हो जाएगा। तेल मंत्रालय ने इस बारे में रिलायंस इंडस्ट्रीज को 21 अप्रैल को सूचित कर दिया था।
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, पेट्रोलियम मंत्रालय ने रिलायंस को चिट्ठी लिखकर यह जानकारी दे दी है। अगले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के बाद इसका औपचारिक ऐलान किया जा सकता है। गैस कीमतों के आंकलन का अब तक जो फॉर्मूला चल रहा है, उसके हिसाब से रिलायंस को इसकी कीमत 4.2 डॉलर मिल रही है। इस फॉर्मूले में बदलाव कर जो नया फॉर्मूला बनाया गया है, उसके हिसाब से कीमत 8 डॉलर के करीब बैठती है।
अब सरकार को यह फैसला करना होगा कि क्या कीमत तय करने का जो फार्मूला यूपीए सरकान ने बनाया था, उसे ही लागू किया जाए या उसमें कुछ फेरबदल कर क्रियान्वित किया जाए। चूंकि भाजपा ने चुनाव से पहले गैस की कीमत बढ़ाने के रंगराजन कमेटी के फार्मूले का विरोध किया था, इसलिए तेल मंत्रालय एक नया फार्मूला भी तैयार कर रहा। इसके मुताबिक गैस की मौजूदा कीमत 4.2 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू (गैस नापने की यूनिट) से बढ़ाकर 5.50 डॉलर करने का प्रस्ताव किया जा सकता है।
First Published: Friday, June 6, 2014, 09:06