स्पेक्ट्रम बिक्री से सरकार को कम से कम 16,750 करोड़ रुपए मिलेंगे

स्पेक्ट्रम बिक्री से सरकार को कम से कम 16,750 करोड़ रुपए मिलेंगे

नई दिल्ली : सरकार को स्पेक्ट्रम नीलामी से चालू वित्त वर्ष में न्यूनतम 16,750 करोड़ रुपये मिलेंगे। कुल मिलाकर अब तक 42 दौर की नीलामी के बाद 56,554.92 करोड़ रुपये मूल्य की बोलियां प्राप्त हुई हैं। दूरसंचार सचिव एमएफ फारूकी ने कहा कि अगर कंपनियां किस्तों में भुगतान करने का विकल्प अपनाती हैं तो चालू वित्त वर्ष में कम-से-कम 16,750 करोड़ रुपये प्राप्त हो सकते हैं।

बोलीदाता अग्रिम राशि के रूप में रकम का कुछ हिस्सा दे सकते हैं और शेष राशि का भुगतान अधिकतम 10 साल की अवधि में किस्तों में किया जाएगा। फारूकी ने कहा, ‘कुल 42 दौर की बोली पूरी हो चुकी है। 1800 मेगाहर्ट्ज के लिये करीब 33,082.58 करोड़ रुपये तथा 900 मेगाहर्ट्ज के लिये 23,472.34 करोड़ रुपये मूल्य की बोलियां प्राप्त हुई हैं। कुल 56,554.92 करोड़ रुपये की बोलियां प्राप्त हुई हैं। नीलामी सोमवार को जारी रहेगी।’

प्रीमियम 900 मेगाहर्ट्ज बैंड में नीलामी में वोडाफोन, रिलायंस जियो तथा भारतीय एयरटेल जैसी कंपनियों ने आक्रमक तरीके से बोलियां प्राप्त हुई हैं। दिल्ली सर्किल के लिये कीमत पहले ही दोगुना होकर 733.63 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज हो गया है जबकि आरक्षित मूल्य 360 करोड़ रुपये था। मुंबई के मामले में भी आरक्षित मूल्य के मुकाबले कीमत 70 प्रतिशत से अधिक उछलकर 563.09 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज हो गया है।

वोडाफोन और एयरटेल अगर 900 मेगाहर्ट्ज बैंड में परिचालन जारी रखना चाहती हैं तो वहीं, वोडाफोन को दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में जबकि एयरटेल को दिल्ली और कोलकाता में स्पेक्ट्रम हासिल करना जरूरी है, क्योंकि उन्हें अपने लाइसेंस का नवंबर में नवीनीकरण कराना है। अगर कंपनियां 900 मेगाहर्ट्ज में स्पेक्ट्रम हासिल करने में विफल रहती हैं तो उन्हें परिचालन जारी रखने के लिये 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में ढांचागत सुविधा स्थानांतरित करनी होगी। इसके लिये उन्हें ज्यादा पूंजीगत व्यय करना होगा।

सूत्रों ने कहा कि रिलायंस जियो भी 900 मेगाहर्ट्ज बैंड में भी बोली लगा रही है जिससे कीमत बढ़ रही है। फिलहाल वोडाफोन के पास दिल्ली और मुंबई में 900 मेगाहर्ट्ज बैंड में 8 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम है जबकि एयरटेल के पास दिल्ली में 8 मेगाहर्ट्ज है। सरकार ने शुरू में स्पेक्ट्रम नीलामी से चालू वित्त वर्ष में 11,300 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया था जो पार कर गया है।

वित्त वर्ष 2013-14 के बजट में चालू वित्त वर्ष में स्पेक्ट्रम बिक्री से 40,874 करोड़ रपये की आय का लक्ष्य रखा गया है। रेडियो तरंगों की बिक्री से ज्यादा राशि प्राप्त होने से सरकार को राजकोषीय घाटा नियंत्रित रखने में मदद मिलेगी।
सरकार का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में पहले नौ महीने में बजटीय लक्ष्य का 95 प्रतिशत से अधिक हो चुका है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.8 प्रतिशत रहने का लक्ष्य रखा है। (एजेंसी)

First Published: Sunday, February 9, 2014, 20:22

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