आर्थिक वृद्धि दर संशोधित आंकड़े में घटकर 4.5 प्रतिशत

आर्थिक वृद्धि दर संशोधित आंकड़े में घटकर 4.5 प्रतिशत

आर्थिक वृद्धि दर संशोधित आंकड़े में घटकर 4.5 प्रतिशतनई दिल्ली : वर्ष 2012-13 में एक दशक के न्यूनतम स्तर पर पहुंची आर्थिक वृद्धि का आंकड़ा और घटकर 4.5 प्रतिशत पर गया है। जीडीपी के शुक्रवार को जारी संशोधित अनुमानों में इसमें गिरावट देखी गई।

इससे पहले जारी प्राथमिक अनुमान में 2012-13 की आर्थिक वृद्धि 5 प्रतिशत बतायी गई थो जो एक दशक में वृद्धि का न्यूनतम स्तर था। संशाधित सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले वित्त वर्ष में विनिर्माण, कृषि और खनन क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन के चलते 2012-13 की आर्थिक वृद्धि 4.5 प्रतिशत पर आ गई।

राष्ट्रीय आय, खपत, व्यय, बचत और पूंजी निर्माण के जारी नए संशोधित अनुमानों के अनुसार (2004-05 के) मूल्यों के आधार पर 31 मार्च 2013 को समाप्त वित्तीय वर्ष 2012.13 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 54.8 लाख करोड़ रुपए था। इससे पिछले वित्त वर्ष में जीडीपी 52.5 लाख करोड़ रुपए रहा था। इस तरह यह जीडीपी में सालाना 4.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

संशोधित अनुमानों में 2011-12 की आर्थिक वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत के पहले संशोधित अनुमान के मुकाबले बेहतर होकर 6.7 प्रतिशत हो गई। वर्ष 2013-14 की संशोधित वृद्धि दर एक दशक में सबसे कम है। इससे पहले 2002-03 में 4 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी।

वर्ष 2012.13 की जीडीपी वृद्धि के प्रथम संशोधित आंकड़े आज केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन ने जारी किए। इसके साथ ही 2011-12 के दूसरे संशोधन और 2010-11 के तीसरी बार संशोधित आंकड़े भी जारी किए गए।

संशोधित आंकड़ों में वित्त वर्ष 2010-11 की आर्थिक वृद्धि दर 9.3 प्रतिशत की बजाय 8.9 प्रतिशत रह गयी। वर्ष 2012-13 के संशोधित आंकड़ों के अनुसार प्राथमिक क्षेत्र जिसमें कृषि, मछली पालन, खनन और उत्खनन समूह की वृद्धि 1 प्रतिशत रही जबकि पहले यह 1.6 प्रतिशत आंकी गयी थी। (एजेंसी)

First Published: Friday, January 31, 2014, 22:28

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