प्रधानमंत्री ग्रामीण सिंचाई योजना शुरू करेगी सरकार: कृषि मंत्री

प्रधानमंत्री ग्रामीण सिंचाई योजना शुरू करेगी सरकार: कृषि मंत्री

नई दिल्ली : नव नियुक्त कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने आज कहा कि ‘प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना’ की ही तरह भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार इस बार ‘प्रधानमंत्री ग्रामीण सिंचाई योजना’ शुरू करेगी। सरकार किसानों की आय की सुरक्षा के लिए एक महत्वाकांक्षी बीमा योजना लाने की भी तैयारी में है।

केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने आज यहां अपना कार्यभार संभालन के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि देश में लगभग 14 करोड़ हेक्टेयर खेती योग्य भूमि में से 44 प्रतिशत भूभाग ही सिंचित है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले राजग सरकार के दौरान शुर किये गये ‘प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना’ की तर्ज पर अबकी बार ‘प्रधानमंत्री ग्रामीण सिंचाई योजना’ शुर करेगी ताकि देश के आम किसानों को और उनमें विशेषकर सीमांत और लघु किसानों को विशेष लाभ मिल सके।

उन्होंने कहा कि इसी तरह से किसानों की आय को संरक्षित करने के लिए एक बीमा योजना भी शुर की जायेगी जिसमें किसानों की विगत 5 से 7 सालों साला आय के औसत के आधार पर आधार पर उन्हें कृषि बीमा योजना का संरक्षण दिया जाएगा। इस योजना में प्रीमियम का बोझ केन्द्र सरकार वहन करेगी। इसका उद्देश्य किसानों को आय सुनिश्चित करना है।

सिंह ने कहा कि किसानों को कृषि के प्रति तभी रचि पैदा होगी जब उनका निवेश सुरक्षित होगा लेकिन उन्होंने इन दोनों योजनाओं के शुर होने के बारे में कोई निर्धारित समय फिलहाल नहीं बताया।

सिंह ने कहा कि सरकार देसी गायों की नस्ल को संरक्षण देने पर जोर देगी। कृषि मंत्रालय इस उद्देश्य के लिए एक योजना लायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार खराब मानसून के पूर्वानुमानों के मद्देनजर किसी भी प्रतिकूल स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है और उसने इस संदर्भ में सभी राज्यों को परामर्श जारी किया है।

उन्होंने कहा कि सरकार खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने के प्रस्ताव पर जल्द ही कोई फैसला करेगी। उन्होंने यह निर्धारित करने का तरीका होगा कि कृषि लागत के मुकाबले एमएसपी को 50 प्रतिशत अधिक रखा जाये। सिंह ने कृषि उत्पाद विपणन समिति कानून (एपीएमसी) और सहकारिता कानूनों की समीक्षा करने का भी वायदा किया।

उन्होंने इतने विशाल आबादी वाले देश में और कृषि में अधिक निर्भर आबादी वाले देश में केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालयों की संख्या को बढ़ाया जायेगा ताकि कृषि शोध पर जोर दिया जा सके और उसे सुदृढ़ किया जा सके। जीन संवर्धित (जीएम) फसलों के बारे में सिंह ने कहा कि बहुत आवश्यक होने पर ही जीएम प्रौद्योगिकी को लागू करेंगे।

खाद्य वस्तुओं के कीमत नियंत्रण के बारे में उन्होंने कहा कि पिछली राजग सरकार ने वर्ष 1998 से वर्ष 2004 के बीच अपने छह सालों के शासन काल में कीमतों को नियंत्रण में रखा था और अब भी हमारी कोशिश होगी कि पुरानी सरकार द्वारा उठाये गये कदमों से उत्पन्न होने वाले कूप्रभावों का शमन करते हुए आगे निदानात्मक कदम उठायें ताकि विभिन्न खाद्य जिंसों के दामों को सीमित रखा जा सके।
(एजेंसी)

First Published: Wednesday, May 28, 2014, 19:41

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