Last Updated: Tuesday, January 14, 2014, 14:57
नई दिल्ली : पर्यावरण मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने आज स्पष्ट किया कि उस परियोजना को पर्यावरण मंजूरी नहीं दी जाएगी उसका स्थानीय पंचायतों द्वारा विरोध किया जाता है। मोइली का यह बयान, ओड़िशा में नियामगिरि में वेदांता की 1.7 अरब डालर की बाक्साइट खनन परियोजना को मंजूरी खारिज किए जाने के मद्देनजर आया है।
मोइली ने कहा, ‘‘मैंने नियामगिरि को इसलिए खारिज कर दिया क्योंकि सभी पंचायतें इसके खिलाफ थीं.. जब पंचायतों ने इसे ठुकरा दिया तो हम इस पर आगे नहीं बढ़ सकते। हमने नियम बनाएं हैं कि यदि पंचायतें विरोध करती हैं तो हम मंजूरी नहीं दे सकते।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या आप नया दृष्टांत प्रस्तुत कर रहे हैं, मोइली ने कहा, ‘‘ मैं क्या कर सकता हूं---क्या कर सकता हूं।’’ उल्लेखनीय है कि मोइली ने पिछले सप्ताह नियामगिरि पहाड़ियों पर खनन के वेदांता के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। डोंगरिया कोंड जनजाति समुदाय की 12 ग्रामीण परिषदों ने अपने वनों में इस परियोजना का विरोध किया था।
उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में इस परियोजना पर तब तक के लिए रोक लगा दी थी जब तक कि राज्य में रायगढ़ और कालाहांडी जिलों की ग्राम सभाएं इसे मंजूरी नहीं दे देतीं। उच्चतम न्यायालय ने इन दो जिलों की ग्राम सभाओं को खनन परियोजना से पैदा हुए मुद्दों पर तीन महीने में निर्णय करने का निर्देश दिया था। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 14, 2014, 14:57