Last Updated: Thursday, October 31, 2013, 09:33

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन ने गुरुवार को कहा कि मुद्रास्फीति की प्रत्याशा ऊंची हैं और आरबीआई उसे पांच प्रतिशत तक सीमित रखने के लिए कड़े कदम उठाएगा जो कि भारत जैसे गरीब देश के लिए खराब नहीं है।
राजन ने एक समाचार चैनल के साथ साक्षात्कार में कहा कि हम थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति पर इसे पांच प्रतिशत तक सीमित रखने का प्रयास करेंगे। यह कुछ अन्य देशों की तुलना में थोड़ा अधिक है लेकिन आपको पता है कि हम शुरूआती दौर में हैं और लक्ष्य तय करना और उस पर कायम रहना एक गरीब देश के लिए (खराब नहीं है)।
उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति की प्रत्याशा ऊंची है और आरबीआई को ‘उसे नीचे लाने की जरूरत है और इसका मतलब है कि हमें कड़े कदम उठाने होंगे।’ आरबीआई ने मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए कल जारी दूसरी तिमाही की मौद्रिक नीति में रेपो दर 0.25 प्रतिशत बढ़ा दी। दूसरी तरफ बैंकों की अतिरिक्त जरूरतों को पूरा करने के लिये नकदी की सीमांत स्थायी सुविधा :एमएसएफ: दर 0.25 प्रतिशत घटाकर 8.75 प्रतिशत कर दिया गया। रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने गत 4 सितंबर को पद संभालने के बाद पहली तिमाही अवधि की पूर्ण मौद्रिक समीक्षा की। (एजेंसी)
First Published: Thursday, October 31, 2013, 09:33