नई क्रेडिट पॉलिसी की दूसरी तिमाही की समीक्षा की खास बातें

नई क्रेडिट पॉलिसी की दूसरी तिमाही की समीक्षा की खास बातें

नई क्रेडिट पॉलिसी की दूसरी तिमाही की समीक्षा की खास बातें मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक की वित्त वर्ष 2013-14 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर-13) की मौद्रिक नीति समीक्षा की मुख्य बातें इस प्रकार हैं।
1. रेपो या अल्पकालिक ऋण पर ब्याज दर 0.25 प्रतिशत बढ़कर 7.75 प्रतिशत की।
2. आरंक्षित नकदी अनुपात (सीआरआर) 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित।
3. नकदी की सीमांत स्थाई सुविधा (एमएसएफ) पर ब्याज 0.25 प्रतिशत घटाकर 8.75 प्रतिशत की गयी।
4. रेपो और एमएसएफ दर के बीच फर्क घटकर एक प्रतिशत रह गया ।
5. मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी और अन्य कारकों के कारण रेपो दर बढ़ायी गयी।
6. थोकमूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के मौजूदा स्तर के मुकाबले उच्चतर स्तर पर रहने की उम्मीद, उचित नीतिगत पहल की आवश्यकता ।
7. खुदरा मुद्रास्फीति नौ प्रतिशत से उपर है ।
8. खरीफ फसल की आवक और मौसमी गिरावट के कारण खाद्य मूल्य का दबाव कम हो सकता है।
9. अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बांड खरीद की योजना को धीरे-धीरे कम करने की प्रक्रिया में देरी की संभावना से वित्तीय बाजार शांत हुआ।
10. विदेशी मुद्रा बाजार तभी सामान्य होगा जबकि तेल विपणन कंपनियों अपनी जरूरत के लिए पूरी तरह से बाजार वापस लौटें
11. वित्त वर्ष 2013-14 में का वृद्धि दर अनुमान घटाकर 5 प्रतिशत किया जो पहले 5.5 प्रतिशत था।
12. निर्यात और कृषि में बेहतर प्रदर्शन से दूसरी छमाही में वृद्धि दर सुधरने की उम्मीद।
13. छोटे कारोबारियों पर नकदी का दबाव बढ़ रहा है क्योंकि बड़ी कंपनियां उनकों भुगतान नहीं कर रही हैं।
14. कंपनियों द्वारा हेजिंग बगैर सुरक्षा वाले (अनहेज्ड) विदेशी मुद्रा निवेश संबंधी अंतिम दिशानिर्देश दिसंबर तक जारी किए जाएंगे।
15. नए बैंक लाइसेंस पर जालान समिति की पहली बैठक एक नवंबर को होगी, सैद्धांतिक मंजूरी पर आरबीआई का फैसला अंतिम होगा।

First Published: Tuesday, October 29, 2013, 13:09

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