अमेरिकी आव्रजन विधेयक को लेकर नासकॉम चिंतित

अमेरिकी आव्रजन विधेयक को लेकर नासकॉम चिंतित

नई दिल्ली : भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं साफ्टवेयर सेवा कंपनियों के संगठन नास्कॉम के निवर्तमान अध्यक्ष सोम मित्तल ने कहा है कि अमेरिका में प्रस्तावित नया आव्रजन विधेयक ने भारतीय इकाइयों की नींद उड़ा रखी है। इस विधेयक में वीजा शुल्क बढ़ाने और अमेरिकी एजेंसियों की ओर से जांच का दायरा व्यापक करने के प्रावधान किये गये हैं।

सीमा सुरक्षा आर्थिक अवसर एवं आव्रजन आधुनिकीकरण विधेयक-2013 को अमेरिकी संसद के उच्च सदन सीनेट ने मंजूरी दे दी है। लेकिन अभी इसे निचले सदन प्रतिनिधि सभा द्वारा पारित किया जाना शेष है। नेशनल एसोसिएशन ऑफ साफ्टवेयर एंड सर्विसेज कंपनीज (नास्कॉम) निवर्तमान अध्यक्ष सोम मित्तल ने कहा, ‘हम आव्रजन विधेयक के मामले में अच्छी स्थिति में हैं। इसमें मुझे लगता है कि कुछ अच्छे प्रावधान हैं, मसलन वीजा की संख्या बढायी गयी है। पर कुछ ऐसी बातें भी हैं जिनको लेकर मैं शांत नहीं रह सकता। हमें इसको लेकर प्रयास करने होंगे और निगाह रखनी होगी।’

उन्होंने कहा कि भारत सरकार और भारतीय कंपनियां अमेरिका के साथ बातचीत में लगे हुये हैं। हर संभव मंच पर अपनी बात रखी जा रही है। मित्तल ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री मनमनोहन सिंह ने यह मुद्दा बराक ओबामा के सामने उठाया और इस मामले को अमेरिका के विदेश सचिव जॉन केरी और उपाध्यक्ष जॉय बीडेन की ओर से भी उठाया गया है। अमेरिका में कंपनियां हमें अलग रख रही हैं, पर अभी भी मेरी नींद उड़ी हुई है। भारतीय आईटी कंपनियों के लिए अमेरिका सबसे बड़ा बाजार है और इस क्षेत्र को आय में 65 प्रतिशत योगदान अमेरिका का है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, January 2, 2014, 17:29

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