Last Updated: Tuesday, October 8, 2013, 23:27

वाशिंगटन : अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक संघ (आईएमएफ) ने भारत की विकास दर का अनुमान कारोबारी साल 2013 के लिए घटाकर 3.8 फीसदी कर दिया। यह जुलाई में दिए गए अनुमान से करीब 1.8 प्रतिशतांक कम है।
आईएमएफ ने ताजा तरीन `विश्व आर्थिक परिदृश्य` में कहा कि कारोबारी साल 2014 में विकास दर कुछ बढ़कर पांच फीसदी रहने का अनुमान है। यह भी जुलाई के अनुमान से 1.1 प्रतिशतांक कम है। आईएमएफ ने इसका कारण आपूर्ति बाधा का घटना और निर्यात में वृद्धि को बताया।
आईएमएफ के मुताबिक, कृषि उपज बेहतर रहने के बाद भी विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में सुस्त विकास और मौद्रिक सख्ती के कारण मांग घटने की वजह से विकास दर इस वर्ष कम रहेगी। मंगलवार को जारी रिपोर्ट में आईएमएफ ने कहा कि इस साल महंगाई दर करीब 11 फीसदी और 2014 में नौ फीसदी रहने का अनुमान है। आईएमएफ ने कहा कि आज विकसित देशों की अर्थव्यवस्था लगातार धीरे-धीरे मजबूत हो रही है, जबकि उभरती अर्थव्यवस्था की विकास दर घट रही है।
रिपोर्ट में कहा गया कि इसके कारण तनाव पैदा हो रहा है, जिसमें उभरती अर्थव्यवस्थाओं के सामने सुस्त विकास दर और कठिन वैश्विक वित्तीय परिस्थिति की दोहरी चुनौतियां पैदा हो रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था अब भी केंद्र में है और निजी मांग मजबूत है, फिर भी घाटा कम करने की कोशिशों के कारण विकास दर प्रभावित हुई है।
आईएमएफ ने चेतावनी दी कि अमेरिका में कर्ज सीमा बढ़ाने के मुद्दे पर जो गतिरोध पैदा हुआ है, उससे अस्थिरता बढ़ सकती है और विकास दर नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकता है। रिपोर्ट में फिर भी सुझाव देते हुए कहा गया कि प्रोत्साहन और शून्य नीतिगत दर से बाहर निकलने का समय आ गया है। रिपोर्ट के मुताबिक इस वर्ष की पहली छमाही में एशिया में विकास दर आम तौर पर कम रही और यह अप्रैल के विश्व आर्थिक परिदृश्य में जताए गए अनुमान से कम रही। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 8, 2013, 23:27