पांच प्रतिशत से ऊपर रहेगी आर्थिक वृद्धि : सी. रंगराजन

पांच प्रतिशत से ऊपर रहेगी आर्थिक वृद्धि : सी. रंगराजन

पांच प्रतिशत से ऊपर रहेगी आर्थिक वृद्धि : सी. रंगराजन नई दिल्ली : भारत की आर्थिक वृद्धि को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक के निराशाजनक अनुमान को खारिज करते हुए प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन सी. रंगराजन ने विश्वास व्यक्त किया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि दर 5.5 प्रतिशत के आसपास रहेगी।

रंगराजन ने आज यहां वित्तीय समावेष और भुगतान प्रणाली पर आयोजित वैश्विक सम्मेलन के अवसर पर अलग से संवाददाताओं से कहा, ‘ये संस्थान बेवजह ही निराशावादी बने हैं। हमारा मानना है कि आर्थिक वृद्धि 5 और 5.5 प्रतिशत के दायरे में रहेगी। हमने पहले 5 प्रतिशत का अनुमान व्यक्त किया था, यह अभी भी बरकरार है।’ इस महीने की शुरुआत में विश्व बैंक ने भारत के वृद्धि अनुमान को कम करके 4.7 प्रतिशत कर दिया जबकि इससे पहले इस वित्त संस्थान ने 6.1 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने इस बीच अपनी विश्व आर्थिक परिदृश्य पर जारी रिपोर्ट में वर्ष 2013-14 के दौरान बाजार मूल्य पर भारत की आर्थिक वृद्धि दर 3.75 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। इससे अगले वर्ष इसके बढ़कर 5.1 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) ने पिछले महीने अपनी समीक्षा में चालू वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि दर को पहले के 6.4 प्रतिशत से घटाकर 5.3 प्रतिशत कर दिया।

रंगराजन ने कहा, मानसून काफी अच्छा रहा है। इससे कृषि उत्पादन बेहतर रहने की उम्मीद है और ग्रामीण क्षेत्रों में मांग बढ़ेगी। ‘‘जहां तक विनिर्माण क्षेत्र की बात है दूसरी छमाही में इसमें सुधार आयेगा। पिछले पांच से छह महीनों के दौरान जो उपाय किये गये हैं उनका असर हम इस छमाही में देखेंगे। इसलिये आर्थिक वृद्धि को लेकर हम अपनी हाल में की गई भविष्यवाणी पर कायम हैं।’

उन्होंने कहा, ‘अगस्त और सितंबर में निर्यात में बेहतरी के संकेत हैं। अगस्त और सितंबर के दौरान निर्यात वृद्धि दर दहाई अंक में रही है। इसका भी घरेलू उत्पादन पर असर दिखाई देगा।’ वित्तीय समावेश के बारे में रंगराजन ने कहा इस बारे में सरकार को स्थानीय क्षेत्र बैंक के विचार पर गौर करना चाहिये। ‘मैंने कुछ वर्ष पहले इस तरह का सुझाव दिया था, लेकिन अभी भी इस तरह के कुछ ही बैंक काम कर रहे हैं। इस विचार पर फिर से गौर करने की आवश्यकता है।’ (एजेंसी)

First Published: Thursday, October 24, 2013, 16:44

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