Last Updated: Thursday, December 19, 2013, 15:09
नई दिल्ली : कृषि मंत्री शरद पवार ने आज कहा कि प्रसंस्कृत खाद्य उद्योग मौजूदा कर व्यवस्था के कारण समस्याओं का सामना कर रहा है और उम्मीद है कि प्रस्तावित जीएसटी (माल एवं सेवा कर) प्रणाली लागू होने से यह क्षेत्र लाभान्वित होगा।
अल्कोहल मुक्त पेय पदार्थ उद्योग के विस्तार की संभावनाओं के बारे में उन्होंने कहा कि प्रमुख कंपनियां इस क्षेत्र में वर्ष 2020 तक करीब 10 अरब डालर का निवेश करने की योजना बना रही हैं। उन्होंने राज्य स्तर पर आर्थिक नीतियों और नियमों में ऐसे सुधार की वकालत की ताकि यह भारत का यह क्षेत्र वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सके।
पवार ने यहां एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा, `प्रसंस्कृत खाद्य उद्योग को मौजूदा कर ढांचे को लेकर कुछ शिकायतें हैं.. मुझे उम्मीद है कि प्रस्तावित एकल माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का लागू होना इस क्षेत्र के लिए लाभकारी साबित होगा।`
पवार ने इस अवसर पर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के बारे में दिल्ली की अनुसंधान संस्था इक्रियर (इंडियन कौंसिल फार रिसर्च एण्ड इंटरनेशल इकोनॉमिक रिलेशन्स) की एक रिपोर्ट भी जारी की जिसमें भारतीय गैर.अल्कोहलिक पेय क्षेत्र की वैश्विक प्रतिस्पर्धा क्षमता में सुधार के लिए जीएसटी लागू करने सहित कई महत्वपूर्ण सुधारों की सिफारिश की गयी है।
जीएसटी की इस रपट में कुछ लोकप्रिय बहुप्रचलित मान्यताओं पर सवाल खड़ा किया है। इसमें कहा गया है, `उदाहरण के लिए सर्वे में शामिल किए गए सभी भागीदारों ने इशारा किया कि केवल बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को अनुमति देने भर से मुद्रास्फीति कम नहीं होगी और न ही इससे आपूर्ति श्रृंखला को दुरस्त करने में मदद नहीं होगी जैसा कि सरकार की परिकल्पना है।` (एजेंसी)
First Published: Thursday, December 19, 2013, 15:09