Last Updated: Wednesday, April 30, 2014, 12:55
वाशिंगटन : भारत महज छह साल में, 2011 तक जापान को पीछे छोड़कर विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया हालांकि अमेरिका सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहा जिसके बाद चीन का स्थान रहा। उल्लेखनीय है कि 2005 में भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था।
विश्व बैंक समूह से जुड़े अंतरराष्ट्रीय तुलना कार्यक्रम (आईसीपी) की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक ‘जापान और ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था अमेरिका के मुकाबले संकुचित हुई जबकि जर्मनी की अर्थव्यवस्था का विस्तार हुआ और फ्रांस एवं इटली उसी स्तर पर बरकरार रहा।’ रिपोर्ट में कहा गया कि तीन एशियाई अर्थव्यवस्थाओं चीन, भारत और इंडोनेशिया की तुलनात्मक रेटिंग अमेरिका के मुकाबले दोगुनी हुई है जबकि ब्राजील, मेक्सिको और रूस की अर्थव्यवस्था में एक तिहाई या इससे अधिक का इजाफा हुआ।
विश्व ने 2011 के दौरान 9,000 अरब डालर से अधिक की वस्तु और सेवा का निर्यात किया और इसमें से आधे का उत्पादन कम और मध्यम आय वाले देशों में हुआ। आईसीपी के प्रमुख निष्कषरें के मुताबिक विश्व की 12 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से छह मध्यम आय श्रेणी (विश्व बैंक की परिभाषा के मुताबिक) के हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि कुल मिलाकर 12 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में विश्व की 59 प्रतिशत आबादी रहती है और इनका विश्व अर्थव्यवस्था में दो तिहाई योगदान है।
रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद की खरीद शक्ति समानता (पीपी) पर आधारित वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद 90,647 अरब डालर है जो विनिमय दर के मुताबिक 70,294 अरब डालर रही। पीपीपी के आधार पर मध्यम-आय वाली अर्थव्यवस्थाओं का वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 48 प्रतिशत योगदान रहा जबकि विनिमय दर के लिहाज से यह 32 प्रतिशत रहा। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 30, 2014, 12:55