Last Updated: Thursday, January 23, 2014, 23:09

दावोस : वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती का दौर अब खत्म हो गया है और यदि पुरानी गलतियों को न दोहराया जाए, तो हम निश्चित रूप से 8 फीसदी वृद्धि दर की ओर लौट सकते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा है कि सुधार उपायों तथा निर्णय लेने की प्रक्रिया को तेज किए जाने से अच्छे नतीजे सामने आए हैं।
चिदंबरम ने कहा, ‘पिछले डेढ़ साल के दौरान हमने फैसला किया कि हमें अधिक निर्णायक होने की जरूरत है। उसके नतीजे दिखे हैं। हमारी अर्थव्यवस्था में स्थिरता आई है। पिछले साल मैंने कहा था कि हम इस साल 5 फीसदी वृद्धि दर हासिल करेंगे, अगले साल 6 प्रतिशत व धीरे-धीरे हम 8 फीसदी वृद्धि दर की ओर बढ़ेंगे।’
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की सालाना बैठक में ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन व दक्षिण अफ्रीका) के सत्र को संबोधित करते हुए चिदंबरम ने कहा, ‘यदि हम कुछ गलतियों से बचें जो हमने की और अगर हम निर्णायक हो जाएं, तो मुझे कोई संदेह नहीं है कि तीन साल में हम 8 फीसदी वृद्धि दर की ओर लौट सकेंगे।’
वित्त मंत्री ने कहा कि आय में असमानता व मध्यम वर्ग की निष्क्रियता देश के लिए बड़े जोखिम हैं। लोगों को गरीबी से बाहर निकालने के बारे में चिदंबरम ने कहा, ‘भारत ने इस मोर्चे पर अच्छा काम किया है, चीन ने भी अच्छा काम किया है।’ उन्होंने कहा कि यही वजह है कि भारत में खाद्य मुद्रास्फीति अभी भी काफी ऊंची है। हम आय में असमानता को और कम करने के लिए बहुत चीजें करना चाहते हैं। हम अमीरों पर कुछ अधिक कर लगाना चाहेंगे, लेकिन हम उद्यमियों को प्रोत्साहित करना चाहते हैं, इस वजह से हम इस मोर्चे पर धीमे चल रहे हैं।
अर्थव्यवस्थाओं में सरकार की भूमिका को रेखांकित करते हुए चिदंबरम ने कहा, ‘जब अमेरिका तथा यूरोपीय बैंक संकट में थे, सरकार को आगे आना पड़ा। राज्य की भूमिका होती है..। अगर आप भारतीय बैंकिंग उद्योग को देखें तो हमारे यहां सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, निजी बैंक और विदेशी बैंक तथा हम अब कुछ और बैंकों के लिये लाइसेंस दे रहे हैं।’ (एजेंसी)
First Published: Thursday, January 23, 2014, 23:09