Last Updated: Sunday, November 24, 2013, 13:44
नई दिल्ली : महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा का मानना है कि भारत चीन का अनुकरण नहीं कर सकता और देश को अपनी सतत वृद्धि के मार्ग पर आगे बढ़ना है जिसमें राज्य आर्थिक वृद्धि बढ़ाने में मदद करेंगे।
वैश्विक समूह महिंद्रा के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक महिंद्रा ने कहा, ‘यदि भारत को सतत संपन्नता की दिशा में आगे बढ़ना है तो राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए पगबाधा नहीं होनी चाहिए।’ महिंद्रा ने यह बात वैश्विक परामर्श कंपनी मैकिंजी द्वारा संपादित ‘रिमेनिंग इंडिया: अनलॉकिंग द पोटेंशियल आफ एशियाज नेक्स्ट सुपर पावर’ में लिखे अपने एक लेख में कही।
महिंद्रा का मानना है कि भारत के 28 राज्य और सात केंद्रशासित प्रदेश - भाषा, खान-पान, संस्कृति और विकास के स्तर के लिहाज से - यूरोपीय देशों की तरह एक दूसरे से अलग हैं और यह ढकोसला करने की कोई जरूरत नहीं है कि भारत एक निवेश गंतव्य है या कि सुसंगत, एकीकृत आर्थिक इकाई है।
उन्होंने कहा, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था का विस्तार तेजी से और चीन से अधिक वहनीय तरीके से हो इसलिए हमें अपनी विभिन्नता को संवेदनशीलता के बजाय अपनी ताकत बनाना होगा।’ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने का सबसे अच्छा तरीका है देश के विभिन्न हिस्से को अपने तरीके से अपने तरीके से काम करने देना।
जब कंपनियां अपनी फैक्ट्री लगाने या अनुसंधान एवं विकास केंद्र बनाने के बारे में फैसला करती हैं तो वे राज्य विशेष में कर नीति, कानूनी बुनियादी ढांचे या श्रम की लागत पर विचार करती हैं न कि मिथकीय भारत पर। उन्होंने कहा, ‘हमें इस विभिन्नता को प्रोत्साहित करना चाहिए और जश्न मनाना चाहिए।’ मेकिंजी ने कहा कि इस पुस्तक में भारत व विदेश के काफी प्रमुख लोगों ने योगदान दिया है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, November 24, 2013, 13:44