Last Updated: Thursday, October 17, 2013, 14:29
नई दिल्ली : यूरोपीय संघ का सदस्य देश हंगरी पारंपरिक भारतीय दवाओं के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए इस सप्ताह एक समझौते पर हस्ताक्षर कर सकता है। भारत को उम्मीद है कि हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर आरबन की चार दिन की यात्रा के दौरान इस आशय के समझौते पर हस्ताक्षर होंगे। अरबान की यह यात्रा कल से शुरू हुई है।
उल्लेखनीय है कि इस समय भारत की पारंपरिक दवाओं के लिए यूरोपीय संघ के बाजारों में नियामकीय बाधाएं हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि हंगरी के साथ बढे सहयोग से इस क्षेत्र को यूरोपीय संघ के बाजार की पहुंच मिल सकती है। आर्थिक सहयोग पर भारत-हंगरी संयुक्त आयोग ने कल सहमति जताई कि पारंपरिक दवाओं (आयुर्वेद सहित) के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग बढाया जाना चाहिए। यह कदम सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर उठाया जाएगा।
औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस आशय के सहमति पत्र पर आरबन की यात्रा के दौरान हस्ताक्षर हो सकते हैं। आरबन एक व्यापारिक प्रतिनिधि मंडल के साथ 16 से 19 अक्तूबर तक भारत यात्रा पर हैं। (एजेंसी)
First Published: Thursday, October 17, 2013, 14:29