Last Updated: Sunday, May 4, 2014, 20:17
मुंबई : आगामी तिमाहियों में देश की आर्थिक वृद्धि दर में सुधार होगा, लेकिन यह धीरे-धीरे बढ़ेगी। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ऊंची मुद्रास्फीति व नीतिगत अनिश्चितता की वजह से अर्थव्यवस्था ज्यादा तेजी से नहीं बढ़ पाएगी।
डेलायट की वैश्विक आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति 16 मई को आने वाले लोकसभा चुनावों के नतीजों पर भी निर्भर करेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि आगामी तिमाहियों में आर्थिक वृद्धि दर में सुधार होगा, लेकिन वृद्धि की रफ्तार धीमी रहेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन चुनौतियों में प्रमुख मुद्रास्फीति की ऊंची दर है, जिसने पिछले पांच से अधिक साल से देश को प्रभावित किया है। डेलायट का कहना है कि नीतिगत मोर्चे पर अनिश्चितता दूसरी प्रमुख चुनौती है। सरकार ने जिन सुधारों को आगे बढ़ाया है उनका क्रियान्वयन निराशाजनक रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे प्रमुख चुनौती ढांचागत अड़चन है। मसलन कमजोर बुनियादी ढांचा, जटिल कर ढांचा तथा निवेश का खराब माहौल। सरकार ने इन ढांचागत कमियों को दूर करने के लिए कई कदम उठाए हैं। मंजूरियां हासिल होने के बाद करीब 50,000 मेगावाट की ताप बिजली क्षमता का निर्माण चल रहा है। कई परमाणु बिजली परियोजनाएं निर्माण के स्तर पर हैं। इनमें से कुछ में उत्पादन भी शुरू हो गया है।
इसके अलावा दूरसंचार, फार्मा, नागर विमानन, बिजली एक्सचेंज और मल्टीब्रांड रिटेल सेक्टर को उदार बनाया गया है जिससे अधिक निवेश आकर्षित किया जा सके। हालांकि डेलायट का मानना है कि ये पहल बढ़ते बाजार के लिए काफी नहीं हैं और सुधार की रफ्तार धीमी है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, May 4, 2014, 20:17