Last Updated: Friday, February 21, 2014, 16:23
नई दिल्ली : भारतीय अर्थव्यवस्था अभी भी सुस्ती के दौर में है। कमजोर उपभोक्ता मांग और रूकी पड़ी निवेश गतिविधियों के चलते अर्थव्यवस्था चाल नहीं पकड़ पा रही है। एचएसबीसी ने आज एक रपट में यह बात कही। इसमें कहा गया है कि चुनाव के बाद इसमें धीमा सुधार हो सकता है।
वैश्विक वित्तीय सेवा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी के मुताबिक 2014 की दोनों छमाहियों की कहानी अलग होगी। साल की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था में कुछ सुधार आयेगा और सामान्य कारोबारी स्थिति बनेगी।
एचएसबीसी ने एक अनुसंधान नोट में कहा, ‘चुनाव हो जाने के बाद पहले की दबी मांग निकल सकती है।’ एचएसबीसी का फिलहाल भारतीय शेयरों के बारे में रख नरम है लेकिन उसकी प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में उर्जा, बिजली, गैर-लौह धातु और दूरसंचार शामिल हैं।
मुद्रास्फीति के बारे में रपट में कहा गया कि मंहगाई दर 2013 में दर्ज करीब 10 प्रतिशत से नीचे आने लगी है लेकिन मांग के दबाव से मुद्रास्फीति उस स्तर तक नीचे नहीं आ पा रही है जहां कुछ साल पहले थी। (एजेंसी)
First Published: Friday, February 21, 2014, 16:23