Last Updated: Tuesday, April 8, 2014, 20:36

वाशिंगटन : वैश्विक स्तर पर कुछ बेहतर वृद्धि दर, निर्यात प्रतिस्पर्धा में सुधार तथा हाल में मंजूर निवेश परियोजनाओं के क्रियान्वयन से भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2013 के 4.4 प्रतिशत के मुकाबले बढ़कर 2014 में 5.4 प्रतिशत पर पहुंच सकती है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने मंगलवार को जारी विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर इस साल बढ़कर 5.4 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी, जो 2013 में 4.4 फीसद रही है। इसमें कहा गया है कि हाल के महीनों में निर्यात में सुधार और सोने के आयात पर अंकुश के उपायों से चालू खाते के घाटे (कैड) को नीचे लाने में मदद मिली है। आईएमएफ ने कहा कि पूंजी का प्रवाह बढ़ाने के नीतिगत उपायों से भी बाहरी जोखिम कम हुए हैं।
आईएमएफ ने कहा कि निवेश को समर्थन करने वाली नीतियों तथा हाल के नीतिगत कदमों से पैदा हुए भरोसे से कुल वृद्धि दर में सुधार होगा, लेकिन यह रुख से नीचे रहेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति एक प्रमुख चुनौती है, लेकिन यह नीचे की ओर जाएगी। इसमें यह भी कहा गया है कि 2015 में भारत की वृद्धि दर बढ़कर 6.4 प्रतिशत हो जाएगी। 2012 में भारत की वृद्धि दर 4.7 प्रतिशत रही थी।
रिपोर्ट कहती है कि यदि निवेश वृद्धि के प्रयास, और निर्यात में सुधार के प्रयासों में सरकार सफल रहती है, तो देश की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 2014 में बढ़कर 5.4 प्रतिशत व 2015 में 6.4 प्रतिशत हो जाएगी। चीन के लिए रिपोर्ट में कहा गया है कि वहां वृद्धि दर व्यापक रूप से 2014-15 में अपरिवर्तित यानी 7.5 प्रतिशत रहेगी, जो 2012-13 से मामूली कम होगी।
भारत के बारे में आईएमएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि मौद्रिक रुख को और कड़ा किए जाने की जरूरत होगी, तभी मुद्रास्फीति में टिकाऊ रूप से कमी लाए जा सकेगी। वृहद आर्थिक असंतुलन को दूर करने के लिए निरंतर आधार वर वित्तीय मजबूती की जरूरत होगी।
आईएमएफ का मानना है कि देश के नीति निर्माताओं को निवेश को समर्थन के लिए ढांचागत सुधारों पर भी ध्यान देना होगा। आईएमएफ ने कहा कि प्राथमिकताओं में निवेश बढ़ाने के लिए प्राकृतिक संसाधनांे का बाजार आधारित मूल्य तय करना, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में विलंब को दूर करना, बिजली व खनन क्षेत्रांे में नीतिगत ढांचे में सुधार करना, सब्सिडी नेटवर्क में सुधार आदि शामिल हैं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 8, 2014, 20:36