भारत को चीनी निर्यात बंद करना चाहिए: HSBC

भारत को चीनी निर्यात बंद करना चाहिए: HSBC

नई दिल्ली : भारत को चीनी का निर्यात बंद करना चाहिए क्योंकि दीर्घकाल में देश का उत्पादन खपत के स्तर पर ही होगा और इसकी उत्पादन लागत पहले से ही अन्य देशों से अधिक है। यह बात एचएसबीसी के एक सर्वेक्षण में कही गई है।

एचएसबीसी के ग्लोबल एग्रिकल्चरल कमाडिटीज शीषर्क सर्वेक्षण में कहा है कि ब्राजील में चीनी की उत्पादन लगात सबसे कम है और 17 डालर प्रति पौंड (करीब 450 ग्राम) है जबकि भारत में लागत 40 डालर प्रति पौंड हैं। इसी कारण ब्राजील का चीनी निर्यात पिछले दो दशक में बढ़ा है।

रपट में कहा गया दीर्घकालिक दृष्टि से भारत को चीनी निर्यात बंद कर देना चाहिए। हमारा अनुमान है कि दीर्घकाल में भारत की आंतरिक चीनी खपत इसके उत्पादन के बराबर होगी। एचएसबीसी ने कहा कि ऐतिहासिक तौर पर भारतीय चीनी उत्पादन की वैश्विक चीनी के मूल्य निर्धारण में उल्लेखनीय भूमिका रही है पर अब ऐसी बात नहीं है।

रपट में कहा गया है चीनी की कीमत बढ़ती है तो किसान गन्ने की खेती बढा देतें है और भारत चीनी के शुद्ध आयातक से शुद्ध निर्यातक बन जाता है। भारत के निर्यात शुरू होने से चीनी का बाजार गिर जाता है और मिल मालिकों के मुनाफे पर दबाव बन जाता है। ऐसे में किसानों के गन्ने के भुगतान में देरी होने लगती है। फिर किसान दूसरी फसलों का रख करते हैं और भारत को मजबूरन चीनी का आयातक बन जाता है। रिपोर्ट में कहा गया कि देश में चीनी उत्पादन में और कमी होगी क्योंकि कई मिलें बहुत कम मुनाफे या नुकसान के साथ परिचालन कर रही हैं और किसानों का बकाया रिकार्ड उंचाई पर पहुंच रहा है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, March 19, 2014, 19:17

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