Last Updated: Monday, March 3, 2014, 18:06
नई दिल्ली : भारत तथा अमेरिका ने कर चोरी तथा वित्तीय अपराधों पर काबू पाने के लिए सूचनाओं के स्वत: आदान प्रदान हेतु आपसी सहयोग बढाने का फैसला किया है। दोनों देशों ने यह कदम अपने अपने आर्थिक क्षेत्रों में काले धन के मामलों पर काबू पाने के अपने प्रयासों के तहत उठाया है।
अमेरिकी वित्त विभाग की एक टीम ने हाल ही में भारतीय आयकर तथा केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अधिकारियों से मुलाकात की। दोनों पक्षों ने अंतर-सरकारी समझौते (आईजीए) पर विचार विमर्श किया जिससे कर चोरी तथा दोनों देशों की फर्मों या व्यक्तियों द्वारा कर अपराधों से जुड़ी सूचनाओं का आदान प्रदान तेजी से हो सकेगा। भारत और अमेरिका के बीच 2009 के दोहरा कराधान बचाव समझौते (डीटीए) की विधियों में सुधार के लिए इसकी समीक्षा हो रही है।
जानकार सूत्रों ने कहा, जहां तक काले धन के खिलाफ लड़ाई तथा कर चोरी के मामलों में वर्गीकृत सूचनाओं के स्वत: आदान प्रदान का सवाल है तो अमेरिका रणनीतिक भागीदार है। विदेशी खाता कर अनुपालन कानून के तहत आईजीए पर हस्ताक्षर के लिए उच्च स्तरीय बातचीत चल रही है।
देश में काल धन के मामलों से निपटने वाली प्रमुख केंद्रीय एजेंसी सीबीडीटी ने हाल ही में अमेरिकी अधिकारियों के साथ साझा समझौता प्रक्रिया (एमएपी) पर भी बातचीत शुरू की है। सूत्रों ने बताया कि यह बातचीत एक साल से अधिक के अंतराल के बाद के शुरू हुई। अधिकारियों में दो दौर की बातचीत पहले ही हो चुकी है।
सूत्रों ने कहा- वास्तव में इस वित्त वर्ष में अमेरिका के साथ एमएपी के तहत चार महत्वपूर्ण मामलों को सुलझाया गया। भारत के अलावा अमेरिका 50 से अधिक देशों तथा न्यायाधिकार क्षेत्रों के साथ भी बातचीत कर रहा है ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कर कानूनों के अनुपालन में सहयोग को बढाया जा सके। (एजेंसी)
First Published: Monday, March 3, 2014, 18:06