Last Updated: Thursday, February 20, 2014, 15:24
माले : भारत ने आज कहा कि एक दशक पहले दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र समझौता (साफ्टा) के क्रियान्वयन में ‘सराहनीय प्रगति’ के बावजूद दक्षेस देशों के बीच व्यापार के क्षेत्र में सहयोग बढने की जरूरत है।
विदेश सचिव सुजाता सिंह ने यहां कल कहा कि दक्षिण एशिया में आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने में व्यापार सबसे महत्वपूर्ण औजार हो सकता है। ‘साफ्टा के क्रियान्वयन में सराहनीय प्रगति हुई है, फिर भी काफी कुछ किया जाना बाकी है।’ सुजाता सिंह यहां दक्षेस स्थायी समिति की 40वीं बैठक को संबोधित कर रही थीं।
उल्लेखनीय है कि सार्क देशों के बीच साफ्टा पर 2004 में इस्लामाबाद में हस्ताक्षर किया गया था और इसके तहत वर्ष 2016 के अंत तक सीमा शुल्क घटाकर शून्य पर लाने का लक्ष्य रखा गया है। सुजाता ने कहा कि साफ्टा के तहत दक्षेस देशों के बीच व्यापार बढ तो रहा है पर यह हमारे कुल अंतरराष्ट्रीय व्यापार की तुलना में बहुत कम है जबकि संभावनाएं बहुत ज्यादा हैं।
उन्होंने कहा कि 21सदी में हमारे बीच अधिक मेल और संपर्क क्यों नहीं हो सकता - हमारे बीच भौतिक और अन्य बाधाएं क्यों नहीं खत्म की जा सकतीं ताकि हमारी जतना को एक दूसरे से मिलने जुलने और सबंध बढाने तथा एक साथ काम करने का मौका मिल सके। विदेश सचिव ने दक्षेस विकास कोष के विस्तार पर भी बल दिया ताकि इससे सार्थक विकास परियोजनाओं के वित्त पोषण का लक्ष्य पूरा हो सके। (एजेंसी)
First Published: Thursday, February 20, 2014, 15:24