अर्थव्यवस्था 5 फीसदी से अधिक की दर से बढ़ेगी: चिदंबरम । Indian economy will grow at a rate of 5 percent: Chidambaram

अर्थव्यवस्था 5 फीसदी से अधिक की दर से बढ़ेगी: चिदंबरम

अर्थव्यवस्था 5 फीसदी से अधिक की दर से बढ़ेगी: चिदंबरमवाशिंगटन : वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के भारत के वृद्धि अनुमान को घटाकर 3.75 प्रतिशत कर दिये जाने को निराशाजनक बताते हुये आज कहा कि चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि 5-5.5 प्रतिशत रहेगी।

चिदंबरम ने कहा कि बेहतर मानसून, कृषि उत्पादन में अच्छी वृद्धि और पिछले एक साल के दौरान सरकार द्वारा उठाये गये सुधारात्मक उपायों से आर्थिक वृद्धि मं सुधार होगा।

वित्त मंत्री ने यहां कारनेगी एंडावमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस नामक संस्थान में व्याख्यान में कहा ‘हमारा मानना है कि वित्त वर्ष की दूसरी छमाही से इन उपायों का असर दिखना शुरू हो जायेगा। हमारा विश्वास है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2013.14 में 5 प्रतिशत , या शायद इससे भी अधिक 5.5 प्रतिशत के आसपास वृद्धि हासिल करेगी।’

भारतीय अर्थव्यवस्था की छह बुनियादी ताकतों का उल्लेख करते हुए चिदंबरम ने कहा कि देश का मजबूत वित्तीय तंत्र, कुशल कार्यबल और मजबूत कंपनी जगत देश की आर्थिक वृद्धि में योगदान कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘मैं जानता हूं कि आईएमएफ की विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट मेरे आशावाद से मेल नहीं खाती है लेकिन मैं भी आप से कहना चाहता हूं कि हम उनके निराशावाद से सहमत नहीं हैं।’

वित्त मंत्री ने कहा, ‘मौजूदा वैश्विक आर्थिक पृष्टभूमि मं 5 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि भी बेहतर लगती है लेकिन हमने वर्ष 2004 में आर्थिक वृद्धि का जो महत्वकांक्षी लक्ष्य रखा था यह उससे यह काफी कम है।’

चिदंबरम ने कहा, ‘हर साल हमारी वित्तीय प्रणाली सशक्त और अधिक अच्छी हो रही है। हम उम्मीद करते है कि निवेश और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का अच्छा अनुपात आर्थिक वृद्धि को ऊंचा करेगा।’

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति पर वॉलमार्ट जैसी प्रमुख खुदरा श्रंखला चलाने वाली कंपनियों द्वारा उठाई गई आपत्तियों के बावजूद चिदंबरम ने एफडीआई नीति का बचाव करते हुये कहा कि वह हमेशा अधिक से अधिक मांगती रही हैं लेकिन हमें नीतियों के दायरे में रहते हुये काम करने की उम्मीद है।

चिदंबरम ने कहा, ‘हमने एक नीति तैयार की है। अच्छे निवेशकों को इसके दायरे में रहते हुये काम करना चाहिये। हो सकता है उनकी दृष्टि में यह आदर्श नीति न हो पर आज हमारे पास जो नीति है यही है। आप को इसे ऐसे ही मानना होगा।’

चिदंबरम ने कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि वित्त वर्ष की समाप्ति तक भारत में एक अथवा दो बहुब्रांड खुदरा कंपनियां प्रवेश कर लेंगी। मेरा मानना है कि एक कंपनी तो बिल्कुल दरवाजे पर खड़ी है।’

हालांकि, उन्होंने किसी कंपनी का नाम नहीं लिया। वित्त मंत्री ने कहा कि आर्थिक संकट के समय 2008-09 में भारत की आर्थिक वृद्धि कुछ धीमी पड़ी लेकिन उस समय भारत ने दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया जब अगले ही साल 2009-10 में आर्थिक वृद्धि 6-7 प्रतिशत से उछलकर 8.6 प्रतिशत पर पहुंच गई और उससे भी अगले वर्ष 2010-11 में 9-3 प्रतिशत हो गई।

चिदंबरम ने कहा कि इसके बाद भी वर्ष 2011 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक बार फिर मंदी का दौर आया। इसका असर भारत पर भी पड़ा और 2011-12 में वृद्धि घटकर 6.2 प्रतिशत और उसके बाद 2012-13 में और घटकर 5.0 प्रतिशत पर रह गई।

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर पिछले चार साल के निम्न स्तर 4.4 प्रतिशत पर रही है।

उन्होंने कहा हालांकि, समय बीतने के साथ अमेरिका की आर्थिक और वित्तीय स्थिति में सुधार आने और फेडरल रिजर्व द्वारा उदार मौद्रिक नीति से कदम वापस खींचने को आगे टाल देने से वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद बढ़ी है।

वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा ‘लेकिन मैं जानता हूं कि आगे बढ़ते हुये रास्ते में झटके लग सकते हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिलने के साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था में भी बेहतरी के संकेत हैं। जुलाई से सितंबर तिमाही में निर्यात बढ़ने की रफ्तार तेज हुई है। बीमा विधेयक के मुद्दे पर चिदंबरम ने कहा कि देश की मुख्य विपक्षी पार्टी और सरकार इस विधेयक को पारित करने के मामले में एकमत हैं।

मुख्य विपक्षी दल ने विधेयक को पिछले ही सत्र में पारित करने का वादा किया था लेकिन कुछ राजनीतिक मजबूरियों के चलते उन्होंने अब इसे अगले सत्र में पारित करने का भरोसा दिया है। (एजेंसी)

First Published: Friday, October 11, 2013, 09:47

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