विदेशों में सवा लाख डॉलर निवेश कर सकेंगे भारतीय

विदेशों में सवा लाख डॉलर निवेश कर सकेंगे भारतीय

नई दिल्ली : भारतीय नागरिक अब विदेशों में अधिक निवेश कर सकते हैं। रिजर्व बैंक ने भारतीयों के लिये विदेशों में सालाना निवेश सीमा 75,000 डॉलर से बढ़ाकर 1,25,000 डॉलर कर दी है। विदेशी मुद्रा बाजार में स्थिति में सुधार आने के बाद यह कदम उठाया गया है।

रिजर्व बैंक की आज जारी दूसरी द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा वक्तव्य में कहा गया है, ‘‘विदेशी मुद्रा बाजार में हाल में आई स्थिरता को देखते हुये (व्यक्तियों द्वारा विदेश में पूंजी निवेश की) वैघ सीमा को बढ़ाकर (सालाना) 1,25,000 डॉलर कर दिया गया है। प्रतिबंधित विदेशी मुद्रा सौदों जैसे मार्जिन कारोबार, लॉटरी को छोड़कर राशि के किसी भी कार्य में निवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।’’

रिजर्व बैंक ने पिछले साल अगस्त में उदारीकृत धन-संप्रेषण योजना के तहत किसी एक वित्त वर्ष में विदेशी मुद्रा प्रेषण सीमा को 2,00,000 डॉलर से घटाकर 75,000 डॉलर कर दिया था। डॉलर के मुकाबले रुपए में जारी भारी उतार चढ़ाव और चालू खाते के घाटे की खराब होती स्थिति के चलते यह कदम उठाया गया था।

उदारीकृत धन संप्रेषण योजना के तहत भारतीयों को रिजर्व बैंक की पूर्वानुमति के बिना ही विदेशों में शेयर खरीदने, ऋणपत्रों में निवेश करने और दूसरी परिसंपत्तियों में निवेश की अनुमति है।

रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति समीक्षा में पाकिस्तान और बांगलादेश के नागरिकों को छोड़कर सभी भारतीयों और प्रवासी भारतीयों को देश से बाहर जाते समय अपने साथ 25,000 भारतीय रुपये ले जाने की भी अनुमति दी है। केन्द्रीय बैंक ने कहा है कि प्रवासी भारतीयों की भारत यात्रा के दौरान जरूरतों को ध्यान में रखते हुये यह कदम उठाया गया है। वर्तमान में प्रवासी भारतीयों को भारत यात्रा के बाद देश छोड़ते समय अपने साथ कोई भी भारतीय मुद्रा ले जाने की अनुमति नहीं है।

भारतीयों के लिये विदेश यात्रा पर जाते समय वर्तमान में अपने साथ 10 हजार रुपए भारतीय मुद्रा ले जाने की अनुमति है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, June 3, 2014, 15:12

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